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सरकार के खर्चे पर किस तरह ‘मौज’ उड़ाते हैं कश्मीर के अलगाववादी

SRINAGAR, INDIA:  Kashmiri leader Syed Ali Geelani is held on the shoulders by supporters of the Tehreek-E-Hurriyat (The Movement for Freedom) party as he salutes a crowd at a rally in Srinagar, 07 August 2005.  Thousands.attended the rally in the summer capital of the restive Indian state of Jammu and Kashmir, designed as a show of strength for the hardline Geelani.   AFP PHOTO/ Tauseef MUSTAFA  (Photo credit should read TAUSEEF MUSTAFA/AFP/Getty Images)

कश्मीर में लगातार जारी हिंसा और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे की नाकामी के पीछे अलगाववादियों की बड़ी भूमिका सामने आने के बाद सरकार ने उनके खिलाफ सख्ती का मूड बना लिया है। इसके लिए सरकार सबसे पहले अलगाववादियों को मिलने वाली सुविधाओं पर लगाम लगाने वाली है।

उन सुविधाओं पर जिसके सहारे ये अलगाववादी देशभर में वीआईपी ट्रीटमेंट पाते हैं और सरकारी पैसे पर देश विदेश में मौज उड़ाते हैं। लोगों को शायद ही इस बात का अंदाजा होगा कि जो सुविधाएं देश में बड़े बड़े नेताओं को नहीं मिल पाती वो सरकार ने कश्मीर में इन अलगाववादियों को दे रखी हैं।
इन्हीं सुविधाओं के बल पर ये अपने घरों में बैठकर मौज करते हैं और भोले भाले युवकों को पत्‍थर फेंकने के लिए तैयार करते हैं। एक अनुमान के अनुसार पिछले छह सालों में ही सरकार ने अलगाववादियों की आवभगत में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए। 

यानि औसतन सालाना 100 करोड़ रुपये से ज्यादा केंद्र और राज्य सरकार अलगाववादियों के ऐशो आराम पर खर्च करती है जिसमें से बड़ी रकम इनके आने जाने, होटलों में ठहरने और सुरक्षा व्यवस्‍था पर खर्च की जाती है। आइए आपको बताते हैं कैसे अलगाववादियों के ऐशो आराम पर पानी की तरह पैसा बहाती हैं सरकारें।

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