आधुनिक जीवनशैली और चिंता के चलते काफी संख्या में लोग नींद की समस्या से जूझ रहे हैं, जो उनके दिमागी संतुलन के लिए घातक साबित हो सकता है. अगर आपकी भी रातों की नींद उड़ रही है, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है. लगातार कम सोने से भूलने की बीमारी यानी डिेमेंशिया (dementia) हो सकती है.
हालिया शोध में खुलासा हुआ है कि नींद कम आने और दिमाग के ज्यादा सक्रिय रहने से अल्जाइमर (Alzheimer) रोग के लिए जिम्मेदार एमीलॉयड बीटा प्रोटीन ज्यादा उत्पन्न होता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रोटीन का स्तर बढ़ने से दिमाग में कई बदलावों के आने की संभावना होती है, जिससे भूलने की बीमारी डिमेंशिया (dementia) हो सकती है.
अमेरिका के सेंट लुई स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन के रैंडल बैटमैन के मुताबिक यह शोध साफ तौर पर दर्शाता है कि मनुष्यों को कम नींद आने से एमीलॉयड बीटा प्रोटीन ज्यादा पैदा होता है और इससे अल्जाइमर (Alzheimer) रोग होने का खतरा बढ़ जाता है.
यह शोध एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी (Annals of Neurology) पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. वैज्ञानिकों ने इस शोध में 30 से 60 वर्ष की उम्र के आठ लोगों को शामिल किया. ये वो लोग थे, जो कम सोते थे या भूलने की समस्या से जूझा रहे थे.