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सीबीएसई ने देश के 13 स्कूलों को भेजा नोटिस, कुछ स्कूलों में नए सत्र में प्रवेश पर लगाई रोक

जयपुर/ अजमेर। राजस्थान के एक स्कूल समेत सीबीएसई ने देशभर के 13 स्कूलों को शोकॉज नोटिस जारी किए हैं। इन स्कूलों की सूची वेबसाइट पर जारी की गई। लंबे अरसे बाद सीबीएसई ने ऐसी कार्रवाई की है। इन 13 स्कूलों की सूची में सबसे अधिक यूपी के छह स्कूल शामिल हैं। इनमें दो स्कूल पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से हैं और एक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जिले से है। एक स्कूल मुंबई का मातो श्री काशीबेन बृजलाल इंटरनेशनल विद्यालय शामिल है। जानिए क्या है मामला ….
 
– सीबीएसई ने इन स्कूलों को अलग-अलग कारणों से नोटिस जारी किए हैं। इनके नोटिस जारी करने की अवधि भी अलग-अलग है, लेकिन सभी की सूची गुरुवार को जारी की गई है।
 
अलवर
– माध्यमिक द्वितीय के जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर सीबीएसई ने अलवर के सिल्वर ओएक स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की। सीबीएसई को शिकायत मिली थी कि स्कूल में आरटीई के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था। स्कूल परिसर में ही किताबें और कॉपियां बेची जा रही थीं। सीबीएसई ने शो कॉज नोटिस जारी किया है। एक महीने में जवाब मांगा है।
वाराणसी के स्कूलों का हाल
 
– बाल निकेतन जूनियर हाई स्कूल वाराणसी, यूपी के बारे में इंस्पेक्शन कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट में बहुत सारी कमियां बताई गईं। इनमें मुख्य रूप से स्कूल में कक्षा छह से 12वीं तक 60 सेक्शन हैं, लेकिन क्लासरूम 17 ही हैं। क्लासरूम के साइज बहुत छोटे हैं और फ्लोरिंग भी सही नहीं है। कंप्यूटर व अन्य प्रयोगशालाओं में उपकरण और फर्नीचर नहीं हैं। लाइब्रेरी भी मेंटेन नहीं। राज्य व केंद्र सरकार द्वारा लागू पे स्केल भी नहीं दी जा रही है। न ही स्कूल में पर्याप्त मात्रा में प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्त किया गया था।
12वीं से 10वीं का किया
– सीबीएसई ने इंस्पेक्शन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एक अप्रेल 2017 से स्कूल का स्तर 12वीं से घटा कर 10वीं तक कर दिया है। सत्र 2017-18 में स्कूल कक्षा 11 व 12वीं में प्रवेश नहीं दे सकेगा।
सर सैयद पब्लिक स्कूल वाराणसी
-सीबीएसई ने स्कूल की सेकंडरी तक की प्रोविजनली संबद्धता वापस ले ली है। कारण, संबद्धता नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। एक अप्रेल से इस स्कूल में कक्षा 9वीं से प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा। बोर्ड ने इतनी राहत दी है कि इस स्कूल में जो विद्यार्थी अभी कक्षा 9 में हैं, वे 2018 की बोर्ड परीक्षा में बैठ सकेंगे।
 
गोरखपुर के स्कूल में मिलीं ये कमियां
– गोरखपुर के पिलर्स पब्लिक स्कूल के खिलाफ सीबीएसई को गंभीर शिकायतें मिली थीं। इनमें स्कूल भूमि से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सका, एनओसी, एसएमसी डिटेल, फाइनेंशियल अकाउंट्स, टीचर्स की ट्रेनिंग डिटेल, अलाउंस एंड पीएफ समेत विभिन्न जानकारी निरीक्षण कमेटी को नहीं उपलब्ध कराई गईं। इसके साथ ही अधिकांश कक्षाओं में क्षमता से अधिक विद्यार्थी थे, सभी में 60 से अधिक बच्चों का एनरोलमेंट दिया गया था।
– निरीक्षण कमेटी की अनुशंसा पर सीबीएसई ने स्कूल की 10वीं और 12वीं की संबद्धता समाप्त कर दी है। अब इस स्कूल में कक्षा 9 से 12वीं तक किसी भी कक्षा में नए सत्र में प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा। वर्तमान में जो विद्यार्थी हैं, उन्हें ही 2018 की कक्षा 10 व 12वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
 
 
मुंबई के स्कूल में ये मिलीं कमियां
– स्कूल प्रबंधन ने एक ही भवन में तीन शिक्षण संस्थान संचालित कर रखे हैं। स्कूल प्रबंधन इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और सेनिटेशन के बारे में आश्वस्त नहीं कर सका। इस स्कूल को भी 30 दिन का नोटिस दिया गया है।
 
ये स्कूल भी शामिल हैं
– सीबीएसई ने दिल्ली के -1. डीपीएस मथुरा रोड, नई दिल्ली और 2.डीपीएस आरके पुरम, नई दिल्ली को भी नोटिस दिया है। इसके साथ ही देहली पब्लिक स्कूल, नियर नील बड क्रॉसिंग, भोपाल, मध्यप्रदेश, रजनी पब्लिक स्कूल, बुलंद शहर, यूपी, नुरुलहुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल, फतेहपुर, यूपी, किंग्स एन क्वीन वर्ल्ड स्कूल, कानपुर, यूपी, टैगोर सीनियर सेकंडरी स्कूल, विल्लूपुरम, तमिलनाडु और मार्गदर्शन सेंट्रल स्कूल, इला कल, कर्नाटक स्कूल शामिल हैं।

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