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सुरक्षाबलों की बढ़ी चिंता, नक्सलियों तक पहुंच रहे विदेशी हथियार


रायपुर : मुठभेड़ में मारे गए बड़े नक्सल कमांडरों के पास से अमेरिकी व जर्मन कंपनियों के अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी ने सुरक्षा बलों व खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। नक्सलियों के पास से जो हथियार बरामद हुए हैं, उनका इस्तेमाल देश में कोई भी सुरक्षा एजेंसी नहीं करती। ऐसे में घने जंगलों में नक्सलियों तक विदेशी हथियारों की पहुंच की उच्चस्तरीय जांच शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग का अबूझमाड़ जंगल अपने नाम के अनुरूप आज भी रहस्य है। हालांकि, सुरक्षा बलों को अबूझबाड़ के घने जंगलों में घुसकर नक्सलियों को घेरने में कामयाबी मिली है। लेकिन, जहां राशन, पानी की भी उपलब्धता कठिन चुनौती से कम नहीं, वहां सुरक्षा बलों पर जवाबी फायरिंग में नक्सली उनसे भी मारक हथियारों से गोलियां बरसा रहे हैं।

अबूझमाड़ स्थित जड्डा-मरकुर जंगल में बीते चार जुलाई को मुठभेड़ में मारे गए नक्सल संगठन कंपनी पांच के कमांडर किशोर के पास से हथियारों व विस्फोटकों का जखीरा सुरक्षा बलों को मिला। बरामद हथियारों में एक स्वचलित रायफल अमेरिकी कंपनी की मिली। राज्य में विदेशी हथियार मिलने का यह दूसरा मामला था। इससे पहले इसी साल सुकमा के किस्टाराम जंगल में हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सली के पास से जर्मन कंपनी हेकलर एंड कोच की जी-3 रायफल की बरामदगी की गई थी। पड़ोसी नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड के लातेहार जिला स्थित जहर पहाड़ी पर 2015 में हुई मुठभेड़ में आठ अमेरिकी रायफलों की बरामदगी ने चौंकाया था। अमेरिकी एम-फोल्ट चार व एके 56 मिलने की घटना के बाद जांच शुरू हुई, लेकिन जांच एजेंसियां यह अब तक पता नहीं कर पाई कि नक्सलियों को हथियार आखिर किसके जरिये मिले। विदेशी हथियार के आयात पर देश में 1971 से प्रतिबंध लगा होने के बाद हथियार की तस्करी आखिर किस रास्ते हो रही है। बस्तर संभाग के आइजी विवेकानंद ने बताया कि बरामद विदेशी हथियारों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही कुछ स्थिति साफ होगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के नक्सलियों के नेपाल व पूर्वोत्तर लिंक के खुफिया इनपुट पहले भी मिलते रहे हैं। बांग्लादेश व म्यांमार सीमा से अमेरिका, जर्मन के हथियारों के तस्करी के इनपुट तो मिलते रहे हैं, लेकिन इनके नक्सलियों को सप्लाई के कोई साक्ष्य अब तक नहीं मिले हैं। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है।

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