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स्पीकर ने कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को जारी किया नोटिस

106869-govindएजेन्सी/ देहरादून : उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार के खिलाफ खुली बगावत के बाद उठे सियासी तूफान के बीच विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के सभी नौ बागी विधायकों को उनकी सदस्यता समाप्त करने को लेकर नोटिस जारी कर दिये हैं।

दूसरी तरफ, मुख्य विपक्षी भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों समेत भाजपा के समर्थन वाले 35 विधायकों ने अध्यक्ष कुंजवाल द्वारा विधानसभा में निष्पक्ष आचरण न किये जाने पर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है। कुंजवाल ने बताया कि विधानसभा में कांग्रेस की मुख्य सचेतक डॉ. इंदिरा ह्रदयेश की ओर से पार्टी के नौ बागी विधायकों पर व्हिप के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर उन्हें पत्र लिखा गया है।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस की मुख्य सचेतक के पत्र पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने कांग्रेस के उन सभी नौ विधायकों को नोटिस जारी कर दिये हैं और उनसे 26 मार्च की शाम पांच बजे तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है। अध्यक्ष कुंजवाल के नोटिस को यहां विधायकों के सरकारी आवासों के बाहर चस्पा भी कर दिया गया है।

 उधर, उत्तराखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय भट्ट ने बताया कि भाजपा तथा उसका समर्थन कर रहे कांग्रेस के नौ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है। भट्ट ने कहा कि कुल 35 विधायकों के दस्तखत से दिये गये इस अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस का विधानसभा सचिव से लिखित रूप में ‘रिसीविंग’ भी ले लिया गया है।

उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में अध्यक्ष कुंजवाल को पद से हट जाना चाहिये क्योंकि वह निष्पक्ष आचरण करने में विफल रहकर विधानसभा के ज्यादातर सदस्यों का विश्वास खो चुके हैं। इस बीच, कांग्रेस के बागी विधायक सुबोध उनियाल ने अध्यक्ष कुंजवाल द्वारा उन्हें नोटिस जारी किये जाने पर ही सवाल खड़ा कर दिया और कहा कि उनके द्वारा नोटिस भेजे जाने से पहले ही विधानसभा के 35 विधायक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे चुके हैं।

नरेंद्र नगर के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कट्टर समर्थक उनियाल ने कहा कि जब विधानसभा के अधिकतर सदस्यों को अध्यक्ष पर विश्वास ही नहीं है तो ऐसे में उनके द्वारा नोटिस जारी किए जाने का कोई औचित्य नहीं है। उधर, सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत जल्द ही दिल्ली जा कर पार्टी आलाकमान को वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे।

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