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स्मार्टफोन से जा सकती है आंख की रोशनी

 

नई दिल्ली : देर रात स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करने की आदत बदलनी पड़ेगी नहीं तो आँख की रोशनी जा सकती है। देर रात स्मार्ट फ़ोन का उपयोग करने वालों को सावधान रहने की जरूरत है। शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग महिलाओं पर किए गए अध्ययन में यह बात साबित किया है, कि सोने से पहले अंधेरे में स्मार्ट फोन का इस्तेमाल आपकी आंख की रोशनी छीन सकता है। यदि आप सोने से पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल, खास तौर से चैटिंग, रीडिंग या अन्य कार्य के लिए करते हैं, तो आप जरूर अंधे हो सकते हैं।
शोध के दोनों मामलों में अध्ययन के बाद यह पाया गया कि दोनों ही महिलाएं ट्रांसिएंट स्मार्टफोन ब्लाइंडनेस संक्रमित थी, अर्थात अंधेरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते वक्त उसकी स्क्रीन को लगातार देखने के कारण वे एक आंख में अंधेपन की शिकार हो चुकी थीं। इन महिलाओं में पहली महिला इंग्लैंड की 22 वर्षीय युवती है, जिसे रोजाना सोने या नींद में जाने से पहले टकटकी लगाकर स्मार्टफोन पर काम करने एवं उसे चलाने की आदत थी। मिली जानकारी के अनुसार वह ज्यादातर बायीं करवट सोते हुए स्मार्टफोन का प्रयोग करती थी, जिससे उसकी दाहिनी आंख स्मार्टफोन के लाइट के सीधे प्रभाव में होती थी जबकि बायीं आंख तकिए से ढंकी होने के कारण लाइट के प्रभाव में नहीं थी। इस आदत के परिणामस्वरूप दाहिनी आंख में अंधापन महसूस किया गया।वहीं इस बीमारी की दूसरी मरीज 40 वर्षीय एक महिला थी, जो इस बीमारी का शिकार तब हुई जब वो सुबह सूरज निकलने से पहले जागकर, उठने से पहले स्मार्टफोन पर खबरें पढ़ती थी।
लगातार 1 साल तक इस आदत को दोहराने के बाद उन्होंने पाया कि उनकी आंखों की महत्वपूर्ण झिल्ली, कॉर्निया चोटग्रस्त हो चुकी थी। दोनों ही केस में एक तरफा करवट लेने के कारण उनकी एक आंख स्मार्टफोन का सामना अधिक कर रही थी। ऐसी स्थिति में एक रेटिना प्रकाश के साथ सामंजस्य बना रहा था और दूसरा अंधेरे के साथ। ऐसे में दोनों आंखों के कार्निया के बीच सही सामंजस्य नहीं बन पाता, और एक आंख प्रत्यक्ष तौर पर प्रभवित होती है। वहीं अंधेरे में स्मार्टफोन के प्रकाश में चैटिंग या अन्य काम करना, आपकी दोनों आंखों की क्षमता पर प्रभाव डालता है।

 

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