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हर साल होती है 30 हजार महिलाओं की तस्करी

ये आंकड़े मुंबई में गुरुवार से शुरू हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सामने आए हैं। सम्मेलन में दुनिया भर में मानव तस्करी की समस्या और उस पर काबू पाने पर विचार किया जाएगा। इसमें 25 देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन का आयोजन महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने कुछ अन्य संगठनों के साथ मिलकर किया है। आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर के अनुसार अकेले मुंबई से करीब 10,000 महिलाओं को हर साल तस्करी करके बाहर भेजा जाता है।

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हर साल होती है 30 हजार महिलाओं की तस्करीये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से लाई जाती हैं। मुंबई, पश्चिम बंगाल या असम के रास्ते विदेश भेजी जाने वाली महिलाओं में नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार से लाई गई महिलाएं और 18 वर्ष से कम की बच्चियां भी शामिल होती हैं। घाना जैसे देशों में इनका उपयोग खेतिहर मजदूरों के रूप में और अरब देशों में घरेलू नौकरानियों एवं देहव्यापार के लिए किया जाता है।

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नेपाल, भूटान और पश्चिम बंगाल से तस्करी करके लाई जानेवाली लड़कियों और महिलाओं को उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के रास्ते मुंबई और कोलकाता भेजा जाता है। राहटकर के अनुसार तस्करी से छुड़ाई गई महिलाओं और लड़कियों के पुनर्वास के उपायों पर भी विचार किया जा रहा है। अतीत में ऐसी कई महिलाओं का पुनर्वास हुआ भी है। ऐसी एक लड़की एयर होस्टेस बन चुकी है, तो चेन्नई में एक महिला ग्राम पंचायत सदस्य है। कुछ महिलाएं आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी कर रही हैं। 

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