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हुक्का बार पर रोक को हाईकोर्ट ने ठहराया गलत

court-order-561364e22d991_lहाईकोर्ट ने होटल व रेस्टोरेंट में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत हुक्का और हुक्का बार रोकने की पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराया है। साथ ही, कहा कि प्रशासन को सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों पर रोक के कानून व नियमों के तहत नियमानुसार कार्रवाई की छूट रहेगी। न्यायाधीश प्रशान्त कुमार अग्रवाल ने अक्षित कुमार शर्मा की याचिका निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। 
 
प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता नवलसिंह सिकरवार ने कोर्ट को बताया कि पुलिस जनस्वास्थ्य खासकर कॉलेज व स्कूली छात्रों के हितों को आधार बनाते हुए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत होटल व रेस्टोरेंट में हुक्का व हुक्का बार की सुविधा पर पाबंदी लगाती है। 
 
पुलिस की यह कार्रवाई सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पाद कानून व नियमों के विपरीत है। प्रार्थी लाइसेंस व अन्य सभी प्रकार की अनुमति लेकर 50 से अधिक लोगों की क्षमता वाला रेस्टोरेंट चलाता है, उसमें अलग धूम्रपान जोन है।
 
इस जोन में 18 साल से अधिक आयु वालों को ही सिगरेट व हुक्का की सुविधा है। पुलिस को धारा 144 के तहत कार्रवाई का अधिकार नहीं है। सरकार की ओर से कहा गया कि होटल व रेस्टोरेंट तम्बाकू व तम्बाकू उत्पाद मुहैया कराने की छूट का दुरुपयोग कर रहे हैं।
 
सुप्रीम कोर्ट पहले ही दे चुका फैसला
कोर्ट ने कहा कि कानूनन शिक्षण संस्थान से 100 गज दूर 18 साल से अधिक वालों को सिगरेट 
व अन्य तम्बाकू उत्पाद बेचने की छूट है, एेसे में नगर निगम से अनुमति लेकर चल रहे परिसर में किसी प्रकार की पाबंदी अनुचित है।
 
धूम्रपान की परिभाषा में हुक्का भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही तय कर चुका है कि हुक्का बार पर पाबंदी नहीं लगाईजा सकती। 

 

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