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हेमा मालिनी: ‘अलग से बने तलाक मामलों के लिए अदालत’

l_Untitled-1462870550तलाक के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए अलग से अदालत गठित करने की मांग मंगलवार को लोकसभा में उठी। भारतीय जनता पार्टी की हेमा मालिनी ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि तलाक के मामलों के निपटारे में दस-दस साल लग जाते हैं, जिससे पुरुष और महिलाओं का सुखद वैवाहिक जीवन समाप्त हो जाता है। 

हेमा मालिनी ने कहा कि वैवाहिक जीवन में पुरुष और महिलाएं जीवन की गाड़ी के दो पहिये हैं। लेकिन हाल के वर्षों में विभिन्न कारणों से तलाक के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। भाजपा सदस्य ने कहा कि कई ऐसे मामले आते हैं जिनमें पति-पत्नी के संबंधों में कड़वाहट आ जाती है, जिससे मधुर वैवाहिक संबंध जारी नहीं रह पाता और बात तलाक तक आ जाती है। 

उन्होंने कहा कि तलाक की अदालती प्रक्रिया में दस-दस साल बीत जाते हैं, जिससे उनके वैवाहिक जीवन का प्रमुख समय बीत जाता है। उन्होंने कहा कि तलाक के मामलों की सुनवाई के लिए अलग से अदालत गठित की जानी चाहिए, ताकि मामलों का निपटारा शीघ्र हो और तलाक लेने वाले युवक-युवतियों को नये सिरे से वैवाहिक जीवन जीने का पर्याप्त वक्त मिले।

 

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