स्पोर्ट्स

हैट्रिक के मामले में एशियाई क्रिकेटरों का दबदबा, कुलदीप ने अपने रोल मॉडल को भी किया पीछे

एक वक्त ऐसा था, जब वनडे मैचों में बहुत कम हैट्रिक देखने को मिलती थी. 1975 में अंतराष्ट्रीय वनडे मैच शुरू होने के कई साल बाद 1982 में पहली हैट्रिक पाकिस्तान के जलालुद्दीन ने हासिल की थी. वनडे में दूसरी हैट्रिक चार साल बाद 1986 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रूस रीड ने ली थी. भारत की बात की जाए तो चेतन शर्मा नेभारत के लिए वनडे में पहली हैट्रिक लेने का गौरव हासिल किया. 1987 में वर्ल्ड कप के दौरान चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ यह कारनामा किया था. वनडे मैचों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ हैट्रिक की गितनी भी बढ़ने लगी है. ऐसा कई बार हो चुका है जब एक साल में तीन-तीन हैट्रिक बनी हैं. हैट्रिक क्लब में भारत के तरफ से एक और खिलाड़ी की एंट्री हुई है. कुलदीप यादव ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए दूसरे वनडे मैच में हैट्रिक लीहैट्रिक के मामले में एशियाई क्रिकेटरों का दबदबा, कुलदीप ने अपने रोल मॉडल को भी किया पीछे

कुलदीप ने अपने रोल मॉडल को पीछे छोड़ा
26 साल के कुलदीप से पहले भारत के लिए आखिरी बार कपिल देव ने 1991 में हैट्रिक ली थी. कुलदीप वनडे में हैट्रिक लेने वाले भारत के पहले स्पिन गेंदबाज़ हैं. उनके बारे में में बहुत कम लोग जानते होंगे कि शुरुआती दौर में वह तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. वसीम अकरम की गेंदबाजी से वह काफी प्रभावित हुए थे. लेकिन अपने टीचर के कहने पर वह तेज गेंदबाजी छोड़कर स्पिन की ओर मुड़े. कुलदीप कई बार कह चुके हैं कि ऑस्ट्रेलिया के लीजेंड शेन वॉर्न उनके रोल मॉडल हैं.

वॉर्न की गेंदबाजी के वीडियो देखकर उन्होंने स्पिन के गुर सीखे. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जो कारनामा शेन वॉर्न नहीं कर पाए, वह कुलदीप यादव ने कर दिया. शेन वॉर्न ने 144 वनडे मैच खेले, लेकिन वह एक बार भी हैट्रिक लेने में कामयाब नहीं हो पाए. कुलदीप ने अपने आठवां वनडे में यह अनूठी कामयाबी हासिल कर ली.

इस मामले में आगे निकल गए कुलदीप
कुलदीप यादव ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह अपनी गेंदों की पिटाई से नहीं डरते हैं, इसीलिए वह गेंद ज्यादा फ्लाइट करते हैं और बड़े शॉट्स खेलने के चक्कर में बल्लेबाज आउट हो जाते हैं. कुलदीप यादव भारत के लिए हैट्रिक लेने के वाले तीसरे खिलाड़ी जरूर हैं, लेकिन उन्होंने सबसे कम मैच खेलते हुए यह कारनामा किया है. 1987 में चेतन शर्मा ने हैट्रिक ली थी, तब वह उनका 41वां मैच था.

चेतन शर्मा ने अपने अंतराष्ट्रीय वनडे करियर के चार साल के बाद हैट्रिक ली थी. कपिल देव को एकदिवसीय मैचों में हैट्रिक लेने के लिए 13 साल लग गए थे. कपिल देव ने 1978 में वनडे खेलना शुरू किया और 1991 में हैट्रिक ली. अगर कुलदीप की बात करें तो उन्होंने अपने इंटरनेशनल वनडे करियर में तीन महीने के अंदर यह कामयाबी हासिल कर ली.

हैट्रिक के मामले में एशियाई खिलाड़ियों का दबदबा
हैट्रिक लेने के मामले में एशियाई गेंदबाज सबसे आगे हैं. अभी तक वनडे मैचों में 43 हैट्रिक हो चुकी हैं, जिसमें से 24 बार एशियाई खिलाड़ियों ने हैट्रिक पूरी की है. पाकिस्तान और श्रीलंका के गेंदबाजों ने आठ-आठ हैट्रिक ली हैं, जबकि बांग्लादेश के गेंदबाज कुल मिलाकर पांच बार हैट्रिक लिए हैं. भारतीय गेंदबाजों ने तीन बार हैट्रिक ली है. श्रीलंका के लसिथ मलिंगा ने सबसे ज्यादा तीन बार हैट्रिक ली है, जबकि चामिंडा वास के नाम दो हैट्रिक हैं. पाकिस्तान के वसीम अकरम और सकलैन मुश्ताक के नाम दो-दो हैट्रिक हैं. 2017 में हैट्रिक लेने वाले सभी खिलाड़ी एशियाई हैं. 2017 में अभी तक तीन हैट्रिक हो चुके हैं और ये तीनों एशियाई खिलाड़ी हैं.

28 मार्च, 2017 को बांग्लादेश के तस्कीन अहमद ने श्रीलंका के खिलाफ हैट्रिक ली थी. 2 जुलाई, 2017 को श्रीलंका के हसारंगा ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ हैट्रिक लेने में कामयाबी हासिल की थी. गुरुवार कल यानी 21 सितम्बर, 2017 को भारत के कुलदीप यादव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक ली.

Related Articles

Back to top button