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पीएम मोदी के इस अभियान को स्टूडेंट्स देंगे नई राह

msid-55934357width-400resizemode-4srccनई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के स्टूडेंट्स पीएम मोदी के कैशलेस इकोनॉमी अभियान में जुड़ गए हैं। अब ये स्टूडेंट्स आम लोगों को फाइनैंस और डिजिटल इकोनॉमी के फंडे सिखाएंगे। नोटबंदी के बाद करीब 2 महीने पहले कॉलेज में लॉन्च हुई कॉलेज की फाइनेंशियल लिटरेसी सेल ने काम करना शुरू कर दिया है। इस सेल के 100 स्टूडेंट्स अगले कुछ दिन दिल्ली और हरियाणा के गांवों और बस्तियों में जाकर लोगों को नोटबंदी से लेकर कैशलेस वॉलेट के लिए राजी करेंगे।

कैशलेस इकोनॉमी अभियान को आगे बढ़ाने में जुटे डीयू के स्टूडेंट्स

श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की फाइनेंशियल लिटरेसी सेल से जुड़े 100 स्टूडेंट्स को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) और ऐग्रिकल्चरल इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया से ट्रेनिंग मिल चुकी है। नुक्कड़ नाटक, विडियो, पैंफलेट और डेमो के साथ स्टूडेंट्स ने लोगों को आसान लैंग्वेज में फाइनैंस के कई फंडे सिखाना शुरू कर दिया है। एसआरसीसी के सीनियर फैकल्टी मेंबर डॉ़ अनिल कुमार बताते हैं, अभी यह कैंपेन 11 से 17 दिसंबर तक दिल्ली और हरियाणा की अलग-अलग लोकेशन में चलेगा।

रविवार को स्टूडेंट्स की एक टीम हरियाणा के सोनीपत डिस्ट्रिक्ट के गांव बसौदी पहुंची थी, जो दिल्ली से 50 किलोमीटर दूर है। यहां उन्होंने लोगों को डिजिटल इकोनॉमी के बारे में डेमो और नाटक के जरिए बताया। एसआरसीसी के बीए इको ऑनर्स के स्टूडेंट अमोल रसवान कहते हैं कि गांव पहुंचकर मुझे पता चला कि लोग सीखना चाहते हैं

हालांकि, कैशलेस इकोनॉमी के लिए अभी हम एकदम तैयारी नहीं हैं। लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, आधार कार्ड से अभी ट्रांजैक्शन मुमकिन नहीं है मगर फिर भी मोबाइल बैंकिंग सिस्टम, यूएसएसडी फीचर वगैरह से भी लोग शुरुआत कर सकते हैं। आज गांव में 150 अकाउंट खुले यानी लोग सेविंग और डिजिटल इकोनॉमी की ओर बढ़ना चाहते हैं, बस उन्हें बताने वाला कोई नहीं है। फाइनेंशियल लिटरेसी को टारगेट करते हुए ये स्टूडेंट्स अपने साथ एटीएम फैसिलिटी वाली एसीबीआई की मोबाइल वैन, अकाउंट फॉर्म, प्रिंटर और अधिकारियों के साथ गए थे। अब चार-चार स्टूडेंट्स के 6 ग्रुप हर हफ्ते घर घर जाकर लोगों को बचत करने की टिप्स देंगे। इस कैंपेन का फॉलोअप 30 दिन के बाद लिया जाएगा।

दिल्ली में एक बस्ती से कैशलेस इकोनॉमी अभियान शुरू हुआ। शक्ति नगर एक्स की इस बस्ती में स्टूडेंट्स रविवार को पहुंचे और लोगों का ध्यान कैशलेस इकोनॉमी की ओर खींचा। सोमवार को रोहिणी के रजापुर इलाके में भी एक बस्ती में स्टूडेंट्स पहुंचेंगे। डॉक्टर अनिल का कहना है कि यह इनोवेटिव आइडिया है। फाइनेंशियल लिटरेसी सेल ने डीयू के नॉर्थ कैंपस के आसपास एसबीआई के 10 एटीएम काउंटर चुने हैं, जहां चार-चार स्टूडेंट्स का ग्रुप पहुंचकर लाइन में लगे लोगों से बातचीत कर कैशलेस वॉलेट कैसे तैयार करें, डेमो देकर बताएगा। फाइनेंशियल लिटरेसी सेल 17 अक्टूबर को एसआरसीसी में लॉन्च हुई थी। जन धन योजना और कैशलेस इकोनॉमी के साथ स्टूडेंट्स अपने कैंपेन में कई डिजिटल प्वाइंट जोड़ने की तैयारी में हैं।

 

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