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14 हजार पेड़ काटने की तैयारी में सरकार, दिल्ली में लोगों ने शुरू किया ‘चिपको आंदोलन’

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में 7 कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए 14 हजार पेड़ काटे जाने की योजना बनाई गई है। सरकार के इस फैसले के विरोध में रविवार को स्थानीय लोगों सहित सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों ने प्रदर्शन किया। दिल्ली के सरोजनी नगर में लगभग 15 हजार प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और पेड़ों को गले लगाकर चिपको आंदोलन शुरू किया। इस दौरान उन्होंने पेड़ों पर राखी के प्रतीक के रूप में हरा रिबन भी बांधा और पेड़ों की सुरक्षा का वादा किया। इस प्रदर्शन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। इसके लिए विडियो सेल्फी बूथ भी स्थापित किए गए।प्रदर्शन के दौरान लोग ‘पेड़ बचाओ, दिल्ली बचाओ’, ‘हम साफ हवा चाहते हैं’ और ‘पेड़ों को बचाओ, वो आपको बचाएंगे’ जैसी तख्तियों के साथ नजर आए। प्रदर्शन में शामिल स्थानीय निवासी रमेश सिंह ने कहा कि हम पेड़ों को काटने नहीं देंगे, दिल्ली की हवा पहले ही इतनी खराब है और हम उसका समाधान ढूढ़ने की बजाय पेड़ काट रहे हैं। वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि एक पौधा 30 साल के एक पेड़ की जगह ले लेगा। पौधे को पेड़ बनने में लंबा समय लगेगा, तब तक पर्यावरण के साथ क्या होगा? प्रदर्शनकारियों ने सरकार के फैसले को आत्मघाती बताते हुए इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। सरोजिनी नगर में 11,913 में से 8,322 पेड़ काटे जाएंगे जबकि नौरोजी नगर में 1,513 में से 1,465 पेड़ काटे जाएंगे। वहीं नेताजी नगर में 3,906 पेड़ों में से 2,315 पेड़ काटे जाएंगे जबकि मोहम्मदपुर में 562 पेड़ काटे जाएंगे। कस्तूरबा नगर में 723, श्रीनिवासपुरी में 750 और त्यागराज नगर में 93 पेड़ काटे जाएंगे। इससे पहले रविवार को केंद्र सरकार के इस कदम का आम आदमी पार्टी ने विरोध किया था। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, सरकारी आवास बनाने के नाम पर दक्षिणी दिल्ली के किदवई नगर में 1123, नेताजीनगर इलाके में 2294, नैरोजीनगर में 1454, मोहम्मदपुर में 363 जबकि सरोजनी नगर में 11 हजार पेड़ काटे जाने हैं। दूसरी ओर शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आप के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पुरी ने यह भी कहा कि एक पेड़ के बदले दस पेड़ लगाए जाएंगे जिससे दिल्ली के हरित क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी।

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