एजेन्सी/ रेप के मामलों में हमेशा आरोपी दलील होती है कि उसने लड़की की सहमति से उसके साथ सेक्स किया था. लेकिन अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए नाराजगी जताते हुए अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि 16 साल से कम उम्र की लडकी से संबंध बनाना रेप की श्रेणी ही आएगा, चाहे आरोपी ने ये संबंध लड़की की सहमति से ही क्यों ना बनाए हो.
जस्टिस अनिता चौधरी ने कहा कि नाबालिग लड़की को झांसा और लालच देकर उसके साथ संबंध बनाने के लिए राजी किया जा सकता है और वो लड़की बिना इसका नतीजा जाने अपनी सहमति दे भी सकती है.
कोर्ट ने कहा कि इसलिए हम तथाकथित सहमति के नाम पर किसी को इसका नाजायज फायद नहीं उठाने दे सकते.
जस्टिस चौधरी ने ये फैसला गुडग़ांव के एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया. इस मामले में आरोपी का दावा था कि पीडि़ता के साथ उसके सम्बन्ध आपसी सहमति के आधार बन थे इसलिए उसे सजा नहीं मिलनी चाहिए.
पुलिस ने इस मामले में जब आरोपी को गिरफ्तार किया तो पता चला वह पीड़िता के घर में ही काम करता था. वह पहले से ही शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी थे. कोर्ट ने सजा के माफी के लिए उसकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि एक नाबालिग लड़की तर्कसंगत तौर पर नहीं सोच सकती है इसलिए उसे माफ नहीं किया जा सकता