अद्धयात्म

2019 में इन 5 राशियों पर रहेगी शनि की नजर, पूरे साल करें ये सरल उपाय

शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। भले ही शनि का नाम आते ही लोग डर जाते हों लेकिन ये ऐसे देवता हैं जो व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से उचित फल देते हैं। कहने का तात्पर्य है कि आपकी राशि पर यदि शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो डरने की बजाय सद्कर्म करने की आवश्यकता है। सही मार्ग पर चलने की जरूरत है। वृश्चिक, धनु व मकर राशि पर 24 जनवरी 2020 तक शनि की साढ़ेसाती चलेगी तो वहीं शनि की ढैय्या वृष और कन्या राशि पर रहेगी। शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को अच्छा फल और बुरा कर्म करने वालों कष्ट देते हैं, ऐसे में इन 5 राशियों को गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए। साथ ही शनिदेव की कृपा पाने के लिए नए साल में निम्न उपाय को करना चाहिए — 2019 में इन 5 राशियों पर रहेगी शनि की नजर, पूरे साल करें ये सरल उपाय
मंत्र से मनाएं शनिदेव को
शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए यह मंत्र काफी प्रभावी है। शनिदेव को समर्पित इस मंत्र को श्रद्धा के साथ जपने से निश्चित रूप से आपको लाभ होगा।सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।

हनुमत साधना से दूर होगी शनि की सनसनी

 
भगवान शिव की तरह उनके अंशावतार बजरंग बली की साधना से भी शनि से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। कुंडली में शनि से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं।
पल की पूजा से प्रसन्न होंगे शनिदेव
शास्त्रों में पीपल के पेड़ पर देवताओं का वास माना गया है। ऐसे में शनि के दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि अमावस्या पर पीपल पर जल और दीपक अर्पित करें।
शमी का पूजन कर पाएं शनि की कृपा 

शमी का वृक्ष घर में लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी। इसी तरह काले कपड़े में शमी वृक्ष की जड़ को बांधकर अपनी दांयी बाजू पर धारण करने पर शनिदेव आपका बुरा नहीं करेंगे बल्कि उन्नति में सहायक होंगे। जल में गुड़ या शक्कर मिलाकर शनिवार के दिन पीपल को जल देने और तेल का दीपक जलाने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
शनिवार के दिन करें ये विशेष उपाय
शनिवार के दिन शनि महाराज को नीले रंग का अपराजिता फूल चढ़ाएं और काले रंग की बाती और तिल के तेल से दीप जलाएं। साथ ही शनिवार के दिन महाराज दशरथ का लिखा शनि स्तोत्र पढ़ें।

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