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38 मौतों के बाद खत्म हुई जयपुर में चिकित्सकों की हड़ताल

जयपुर। राजस्थान के मेडिकल काॅलेज टीचर्स एसोसिएशन द्वारा की जाने वाले हड़ताल का असर राज्य के चिकित्सालयों और मेडिकल काॅलेजेस पर हुआ है। हड़ताल में मेडिकल काॅलेज टीचर्स एसोसिएशन, चिकित्सक और अन्य चिकित्सा स्टाफ शामिल रहा। हालांकि गुरूवार रात्रि में 12 बजे हडताल खत्म हो गई और चिकित्सक काम पर लौटने के लिए तैयार हो गए लेकिन 48 घंटे से की गई हड़ताल के दौरान जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 38 लोगों की मौत हो गई।

38 मौतों के बाद खत्म हुई जयपुर में चिकित्सकों की हड़ताल

इस दौरान लगभग 300 आॅपरेशन नहीं हो सके। हालात ये रहे कि मेडिकल शिक्षकों व चिकित्सकों के काम पर न रहने से मेडिकल काॅलेजेस की व्यवस्थाऐं चरमरा गईं। जयपुर का चिकित्सालय भी हड़ताल से प्रभावित रहा। इस मामले में चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने प्रदर्शनकारियों के संगठन से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हड़ताल गलतफहमी से हुई थी। केवल नए मेडिकल काॅलेजेस के लिए सरकार ने नए आदेश दिए थे। संशोधित आदेश भी सरकार जारी कर चुकी है।

ऐसे में हड़ताल नहीं की जाना चाहिए। गौरतलब है किमेडिकल काॅलेज टीचर्स एसोसिएशन के टीचर्स की हड़ताल 48 से जारी रही। हड़ताल से मरीज और उनके परिजन बेहाल रहे। जहां मरीजों को इलाज के लिए यहां वहां भटकना पड़ा वहीं उपचारत मरीज देखरेख के लिए मेडिकल प्रेक्टिसनर्स की बांट जोहते रहे। गौरतलब है कि मेडिकल काॅलेज शिक्षक संघ द्वारा 9 मार्च से सामूहिक इस्तीफे की घोषणा की गई थी। इसके बाद सरकार को पत्र लिखा गया था।

दरअसल चिकित्सा अधिकारी और मेडिकल शिक्षक के विवाद में एसएमएस चिकित्सालय के मेडिकल शिक्षक हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दूसरे दिन के हालात बेहद खराब थे। स्थिति यह थी कि प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सालय में संविदाकर्मी तक हड़ताल पर रहे और अस्पताल में मरीजों को देखने वाला तक कोई नहीं था।

हालांकि जब चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ फलवितरण करने महाविद्यालय पहुंचे तो उनका विरोध हुआ और एसोसिएशन के सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफे की बात कही। मगर इन लोगों को काम पर लौटने के लिए कहा गया। इन लोगों पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ और इमरजेंसी तक बंद करने की बात हड़तालियों द्वारा कही गई।

मंत्री कालीचरण सर्राफ ने चिकित्सकों को उनकी मांगों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो आदेश जारी किए थे वे जयपुर में लागू नहीं होंगे। व्यवस्था प्रदेश के 8 अन्य मेडिकल काॅलेज के लिए की गई है। ऐसे में हड़तालियों ने कहा कि यदि नए जादेश जारी किए जाते हैं तो फिर हड़ताल वापस ले ली जाएगी। मध्यरात्रि में 12 बजे से हड़ताल वापस ले ली गई।

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