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इंजमाम पर PCB करता रहा पैसों की बारिश पर नहीं सुधरी टीम की हालत

पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के चयनकर्ता रहे इंजमाम उल हक ने दो दिन पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इंजमाम ने पाकिस्तानी टीम के वर्ल्ड कप 2019 में खराब प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया। उन्होंने इस्तीफे के बयान में कहा था कि, ‘तीन साल तक चयन समिति का अध्यक्ष रहने के बाद मैंने फैसला लिया है कि मैं अपने कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाना चाहता हूं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को नए चयनकर्ता की तलाश कर लेनी चाहिए, जो टीम में ताजा आइडिया और नई सोच ला सके।’ तीन साल तक इंजमाम पाक टीम के मुख्य चयनकर्ता बने रहे। इन तीन सालों में टीम की स्थिति में तो कुछ खास सुधार नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था के बाद भी इंजमाम मालामाल होते रहे। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, उन्हें हर महीने 12 लाख रुपये का वेतन और भत्ते मिलते थे। तीन साल तक इस पद पर रहने के दौरान उन्हें छह करोड़ पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया गया।

नंबर एक से सात पर पहुंची टीम

एक्सप्रेस न्यूज’ की माने तो इंजमाम ने अप्रैल 2016 में मुख्य चयनकर्ता का पद संभाला था। विश्व कप 2019 को देखते हुए उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए पीसीबी ने बढ़ा दिया। करार के मुताबिक, इंजमाम को टीम के किसी सीरीज को जीतने पर उन्हें मिलने वाले मेहनताने का 25 फीसदी और आईसीसी इवेंट में टीम की खिताबी फतह पर मेहनताने का सौ फीसदी मिलता था। चैंपियन्स ट्रॉफी जीतने पर उन्हें भी सरकार से एक करोड़ रुपये मिले थे। इस तरह कुल मिलाकर उन्हें तीन साल में लगभग छह करोड़ रुपये मिले।

‘एक्सप्रेस न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार वनडे में पाकिस्तान 30 अप्रैल को नौवें नंबर पर था। अब यह टीम छठे नंबर पर है। वहीं टी20 रैंकिंग में पाक टॉप टीमों में नहीं थी लेकिन अब वह नंबर 1 टीम है। इंजमाम जब पाक टीम के मुख्य चयनकर्ता बने, उस वक्त पाकिस्तानी टीम नंबर एक थी लेकिन, लगातार हार के बाद टीम टेस्ट रैंकिंग में फिसलकर सातवें स्थान तक जा पहुंची। इंजमाम के कार्यकाल के दौरान टीम ने 28 टेस्ट मैच खेले जिसमें से 10 में उसे जीत और 17 में हार मिली और एक टेस्ट ड्रॉ रहा।

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