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5 करोड़ लोगों ने बंद की ऑनलाइन शॉपिंग, परेशान हैं ई-कॉमर्स कम्पनियां


नई दिल्ली : देश में करीब 5 करोड़ लोग नियमित तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे थे, लेकिन पिछले एक साल में इतने ही लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग बंद कर दी है। इससे ई-कॉमर्स कंपनियों को 50 अरब डॉलर का बिजनस लॉस हुआ है। देश की इंटरनेट ग्रोथ स्टोरी में आए इस ट्विस्ट का पता गूगल, कंसल्टेंट्स बेन एंड कंपनी और फिलैंथ्रॉपिक वेंचर फंड ओमिड्यार नेटवर्क की 9 महीने की लंबी रिसर्च से चला है। ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, किसी भी बिजनेस बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि लोगों की जेब में निरंतर पैसा आता रहे।लेकिन आजकाल एकॉनमी की जो हालत है वह काफी चिंताजनक है। उनके डेटा से पता चलता है कि पिछले साल पहली शॉपिंग के बाद 5.4 करोड़ यूजर्स ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस बंद कर दिए। इस ग्रुप में कम आय वर्ग वाले इंटरनेट यूजर्स शामिल हैं, जो अंग्रेजी की तुलना में क्षेत्रीय भाषाओं को लेकर सहज हैं। एक्सपर्ट्स और स्टेकहोल्डर्स का कहना है कि रेग्युलर ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों और ड्रॉपआउट का 1:1 का रेशियो ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए बड़ी चुनौती है।

गूगल इंडिया के कंट्री डायरेक्टर, सेल्स, विकास अग्निहोत्री ने बताया, ‘अगर इन 5 करोड़ यूजर्स को फिर से वापस लाया जा सके तो इंडस्ट्री के लिए 50 अरब डॉलर की बिजनस ऑपर्च्युनिटी बन सकती है। ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर रूपा कुदवा ने बताया, ‘इन यूजर्स को वापस लाने में काफी समय लग सकता है। रिसर्च से इस सवाल का जवाब भी मिलता है कि इंटरनेट के विस्तार के साथ ऑनलाइन शॉपिंग में क्यों बढ़ोतरी नहीं हो रही है। कुदवा का कहना है कि इनमें से कई नए यूजर्स को शॉपिंग कार्ट आइकॉन की जानकारी तक नहीं है और न ही ‌उन्हें मॉडर्न फिजिकल रिटेल के बारे में पता है। उन्होंने बताया कि यह ग्रुप ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से जुड़ाव महसूस नहीं करता। इन यूजर्स के साथ भाषा को लेकर भी समस्या है। ओमिड्यार के इनवेस्टमेंट पार्टनर सिद्धार्थ नौटियाल ने बताया कि साइट्स और ऐप्स के यूजर इंटरफेस अक्सर अंग्रेजी में होते हैं। कुछ ही साइट्स पर हिंदी में यह फीचर है। इसलिए बड़ी संख्या में नए इंटरनेट यूजर्स ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करते। इंटरनेट शॉपिंग में आप सामान को छूकर नहीं देख सकते। इस वजह से भी कई लोगों ने इससे दूरी बना ली है। अग्निहोत्री का कहना है कि इन यूजर्स को रेगुलर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाला बनाने में पांच साल का समय लग सकता है।

वहीं, गूगल में साउथ ईस्ट एशिया और इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट राजन आनंदन ने बताया, देश में सिर्फ 28 पर्सेंट लोग ही इंटरनेट से कनेक्टेड हैं। दूसरी तरफ, इंटरनेट कंपनियों के लिए मुनाफा कमाना मुश्किल बना हुआ है। बेन एंड कंपनी की पार्टनर ए सेठ ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग मोबाइल डिवाइस पर कंटेंट कंज्यूम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अब तक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं किया है। ऑनलाइन शॉपिंग में भरोसे की कमी भी बड़ी बाधा है। नौटियाल ने बताया, बरेली जैसे शहर में बैठे किसी ग्राहक को इस पर संदेह हो सकता है कि उसे रिफंड मिलेगा या नहीं?

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