उत्तर प्रदेशराज्य

60 मासिक किस्तों में अब प्री-पेड मीटर भी होगा उपलब्ध

pre-paid-meterदस्तक टाइम्स एजेंसी/लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को लगभग छह वर्ष बाद कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप देते हुए इसे जारी कर दिया। इसके तहत उप्र पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को खारिज कर प्रदेश के आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है। अब उप्र में जहां नया विद्युत कनेक्शन लेने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को किस्तों की सुविधा भी मिलेगी, वहीं झुग्गी-झोपड़ी और पटरी दुकानदारों को लगभग 6000 रुपये का प्री-पेड मीटर 60 मासिक किस्तों में उपलब्ध होगा।

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व कास्ट डाटा बुक सप्लाई कोड रिव्यू कमेटी के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार उपभोक्ता परिषद की बड़ी जीत हुई है। आयोग द्वारा जो एतिहासिक फैसला लिया गया, उससे अब जहां ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 01 किलोवाट का कनेक्शन जो 1350 रुपये में मिल रहा था, अब वह 1330 रुपये में मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि उपभोक्ता एक साथ पूरी रकम न जमा कर पाएं तो उन्हें 12 समान किस्तों की भी सुविधा रहेगी। एक किलोवाट के शहरी घरेलू विद्युत उपभोक्ता जिन्हें अभी तक 1830 रुपये देने पड़ते थे, अब उन्हें 1805 रुपये में कनेक्शन मिल जाएगा और साथ ही अगर वे चाहें तो 16 समान किस्तों में यह रकम जमा कर सकते हैं।

विद्युत उपभोक्ता, 1550 रुपये पर मिलेगा कनेक्शन

इसी तरह 2 किलोवाट के , जिन्हें अभी तक 2000 रुपये देने पड़ते थे, अब उन्हें मात्र 1550 रुपये पर कनेक्शन मिलेगा और 13 समान किस्तों की सुविधा मिलेगी। इसी प्रकार 2 किलोवाट के शहरी घरेलू विद्युत उपभोक्ता जो अभी तक 2480 रुपये में कनेक्शन पा रहे थे, अब उन्हें मात्र 2225 रुपये में कनेक्शन मिल जाएगा और 16 समान किस्तों की सुविधा भी रहेगी। उपभोक्ता परिषद की लंबी लड़ाई के बाद गुरुवार को जारी आयोग के आदेश में पावर कारपोरेशन के सिक्योरिटी व सिस्टम लोडिंग के बढ़ोतरी के प्रस्ताव को आयोग द्वारा पूरी तरह खारिज कर दिया गया है। पावर कारपोरेशन द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था, उसमे घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी को 1300 रुपये प्रति किलोवाट प्रस्तावित किया गया था, लेकिन आयेाग ने उसमें भारी कटौती करते हुए उसे केवल ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ता के लिए 100 प्रति किलोवाट और शहरी विद्युत उपभोक्ता के लिए 300 रुपये प्रति किलोवाट ही मनाना गया।

उपभेाक्ताओं को देने होंगे 3625 रुपये

इसी प्रकार पावर कारपोरेशन द्वारा सिस्टम लोडिंग चार्ज को 250 रुपये प्रति किलोवाट प्रस्तावित किया गया था, जिसे आयोग द्वारा 1 किलोवाट के लिए 50 रुपये और 2 किलोवाट के लिए 120 रुपये कर दिया गया, जिसका नतीजा है कि प्रदेश में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में व्यापक कमी हो गई। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि वाणिज्यक विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में नाम मात्र बढ़ोतरी हुई है। अभी तक 1 किलोवाट का कनेक्शन लेन के लिए ग्रामीण वाणिज्यक विद्युत उपभेाक्ता को 2000 रुपये देने पड़ते थे और शहरी को 2480 रुपये, अब ग्रामीण को 2230 रुपये और शहरी विद्युत उपभोक्ता को 2505 रुपये देने पड़ेंगे। इसी प्रकार 2 किलोवाट के ग्रामीण वाणिज्यिक विद्युत उपभोक्ता को जो अभी तक 3250 रुपये देना पड़ते थे और शहरी वाणिज्यक विद्युत उपभोक्ता को 3780 रुपये देने पड़ते थे, अब उन्हें 3350 रुपये व शहरी वाणिज्यक विद्युत उपभेाक्ता को 3625 रुपये देने होंगे। पावर कारपोरेशन ने वाणिज्यक विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 3000 रुपये प्रति किलोवाट सिक्योरिटी ही प्रस्तावित की गई थी।

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