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8-9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर भारत की जरूरत : अरुण जेटली

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ 102047-arun-jaitleyनई दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि गरीबों को उनकी गरीबी से बाहर निकलने के लिए जरूरी है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8-9 प्रतिशत के बीच हो। एक बिजनेस समिट के दौरान शनिवार को दिए साक्षात्कार में जेटली ने कहा कि सामान्य तौर पर भारत को 8 या 9 प्रतिशत की श्रेणी में होना चाहिए और देश को गरीबी से तभी निजात भी मिल सकता है जब हम 8-9 प्रतिशत की वृद्धि दर को हासिल करें।

इससे पहले शुक्रवार को कोलकाता में एक स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि ग्रामीण मांग में सुधार और बेहतर मानसून के चलते अगले वित्त वर्ष में 8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर हासिल की जा सकती है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अनुरोध किया कि प्रमुख सुधारों के लिए संसद में विधेयक पेश किए जाने के समय वे ‘राजनीतिक खेल नहीं खेलें’।

जेटली ने यहां एक स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा, ‘विनिर्माण क्षेत्र में स्थिरता आई है और अब यह जोर पकड़ने लगा है। यदि मानसून बेहतर रहा तो ग्रामीण मांग अधिक रहेगी जिसका विनिर्माण पर कुछ सकारात्मक असर पड़ेगा। हमारा अनुमान है कि 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना संभव है। इसलिए, हमें मांग बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। इससे आर्थिक गतिविधि भी बढ़ेगी।’ 
जेटली ने कहा, ‘हमारे लिए दो कारकों को दिमाग में रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पहली चीज घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर संकेतों को सही रखना है। इस रूपरेखा के साथ हम इसे करने में समर्थ हैं। इसलिए अगले सत्र में जब भी प्रत्यक्ष कर सुधारों और अप्रत्यक्ष कर सुधार से जुड़े जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक आते हैं, तो उन्हें पारित कराया जाना चाहिए।’ 

जीएसटी विधेयक पर अड़ंगा लगाने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते रहे वित्त मंत्री ने कहा, ‘संसद में खेल नहीं खेलें। उन्हें अंतत: यह एहसास करना चाहिए कि वे देश की वृद्धि प्रक्रिया में बाधा खड़ी कर रहे हैं। भारत की विश्वसनीयता क्या है? इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इन मुद्दों को हल किया जाये। भारत को एक सुर में बोलने की जरूरत है।’

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