एजेंसी /पेरिस: स्थानापन्न खिलाड़ी एडेर के अप्रत्याशित गोल के दम पर पुर्तगाल ने यूरो फुटबॉल चैम्पियनशिप के फाइनल में मेजबान फ्रांस को 1-0 से हरा दिया जबकि सुपरस्टार स्ट्राइकर रोनाल्डो ने घायल होने के बाद टचलाइन से यह मैच देखा।
रोनाल्डो को पहले हाफ में चोट लगने के बाद स्ट्रेचर पर मैदान से ले जाया गया तब उनकी आंखें आंसुओं से भरी भी। मैच के बाद वह फिर रो पड़े लेकिन आंसू खुशी के थे। मेजबान फ्रांस ने मैच पर दबदबा बनाये रखा था लेकिन वे पुर्तगाली डिफेंस को नहीं भेद सके। मैन ऑफ द मैच पेपे ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और गोलकीपर रूइ पैट्रिशियो ने कई गोल बचाये।
रोनाल्डो ने कहा, ‘‘मैं इस तरह का फाइनल नहीं चाहता था लेकिन मैं बहुत खुश हूं। यह ट्रॉफी सभी पुर्तगालियों के लिये है। उन सभी के लिये जिन्हें हम पर भरोसा था लिहाजा मैं बहुत खुश हूं।’ फ्रांस के साथ पूरा देश खड़ा था लेकिन फ्रांस ने 12 साल मिले जख्मों पर इस जीत के साथ मरहम लगा दिया। यूरो फाइनल 2004 में पुर्तगाल को यूनान ने उसकी सरजमीं पर 1-0 से हराया था।
पुर्तगाल के कोच फर्नांडो सांतोस और अन्य खिलाड़ियों ने इस तनावपूर्ण मैच में टीम को हार नहीं मानने के लिये प्रेरित करने में रोनाल्डो की भूमिका को सराहा। रोनाल्डो को 8वें मिनट में ही दिमित्री पायेत से टकराने के बाद चोट लगी थी। दो बार उपचार के लिये जाकर उन्होंने वापसी की कोशिश की लेकिन आखिर में उन्हें बाहर ही जाना पड़ा।
पुर्तगाल के लिये 79वें मिनट में गोल करने वाले एडेर ने कहा, ‘उसने मुझसे कहा कि मैं विजयी गोल करूंगा। उसने मुझे ताकत और सकारात्मक उर्जा दी।’ सांतोस ने कहा, ‘क्रिस्टियानो हमारे लिये खास है। वह कभी भी किसी भी मौके पर गोल कर सकता था लेकिन मैने हमेशा कहा कि हम एक टीम है और टीम के रूप में जीतेंगे।’ चौबीस टीमों की भागीदारी वाले इस टूर्नामेंट में हालांकि पहली बार स्तरीय फुटबॉल देखने को नहीं मिली। कुल 51 मैचों में 108 गोल हुए जो हालिया इतिहास में काफी खराब प्रदर्शन है। फुटबॉल का स्तर भी अच्छा नहीं था और अप्रत्याशित नतीजे भी मिले। आइसलैंड ने इंग्लैंड को हराया जबकि वेल्स ने बेल्जियम को क्वार्टर फाइनल में मात दी थी।