बढ़ सकती हैं केजरीवाल सरकार की मुश्किलें,सात मामले पहुंचे CBI के पास
केजरीवाल सीबीआइ की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। वहीं, सीबीआइ का कहना है कि वह ठोस सुबूतों के आधार पर ही कार्रवाई करती है।
पंजाब जीतने की कोशिशों में लगे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस्तीफा देने से पहले दिल्ली के तत्कालीन उपरायपाल नजीब जंग कुल सात मामले सीबीआइ के पास जांच के लिए भेज चुके थे। इनमें दो मामलों में एफआइआर भी हो चुकी है और एक मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, चार मामलों की अभी छानबीन की जा रही है। आने वाले दिनों में इनमें भी एफआइआर दर्ज की जा सकती है। दरअसल नजीब जंग ने केजरीवाल सरकार के दौरान हुई अनियमितताओं का पता लगाने के लिए पूर्व सीएजी वीके शुंगलू की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 27 नवंबर को अपनी रिपोर्ट दे दी थी। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नजीब जंग ने सात मामले सीबीआइ के पास भेज दिए थे। जिन मामलों में एफआइआर हुई है, उनमें से एक दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के ओएसडी डॉ. निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति का मामला है। एफआइआर करने के बाद सीबीआइ इस मामले में ओएसडी के यहां छापा भी मार चुकी है, लेकिन दूसरी एफआइआर के बारे में सीबीआइ अधिकारी फिलहाल कुछ नहीं बता रहे हैं। इस मामले में भी सीबीआइ संदिग्धों के यहां छापा मारेगी, इसीलिए अभी गोपनीयता बरत रही है। इसी तरह प्रारंभिक जांच के मामले में भी सीबीआइ अधिकारी चुप हैं। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सीबीआइ भ्रष्टाचार के आरोप में अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सचिव के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और उनके खिलाफ केस चलाने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। केजरीवाल सीबीआइ की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। जबकि सीबीआइ का कहना है कि वह ठोस सुबूतों के आधार पर ही कार्रवाई करती है।