काले मेघा काले मेघा पानी तो बरसाओ, 25 जून के बाद हो सकती है मानसूनी बारिश
नई दिल्ली। जून माह के लगभग मध्य में आने के ही साथ देशभर में विभिन्न क्षेत्रों की सड़कें तरबतर हो गई थीं। आलम यह था कि दिल्ली, मुंबई और मध्यभारत के इंदौर के समीप के ग्रामीण क्षेत्रों में झमाझम बारिश की शुरूआत हुई थी लेकिन अब आसमान में मंडराते बादल किसानों और आम लोगों को कुछ पल का सुकून और दिलासा देकर लौट जाते हैं। दरअसल प्री मानसूनी बारिश से लोगों को गर्मी से निजात मिली थी।
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अब लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि फिर झमाझम बारिश हो और वे सुकून पाऐं। मगर मध्यप्रदेश के मालवांचल में लोगों को बारिश के लिए कुछ पल और इंतजार करना पड़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई के तटीय क्षेत्र में दक्षिण पश्चिम मानसून के पहुंचने के बाद सिस्टम कुछ कमजोर हो गया जिसके चलते अब मानसूनी बारिश में खेंच का अनुभव हो रहा है।
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संभावना है कि उज्जैन और आसपास के क्षेत्र में मानसून 25 जून के बाद मेहरबान होगा। इस मामले में मौसम विशेषज्ञ दीपक गुप्ता ने बताया कि अरब सागर में सिस्टम बन गया था और यह आगे भी बढ़ रहा था मगर बाद में यह कमजोर पड़ गया और फिर मुंबई में आने के बाद इसकी गति कम हो गई, संभावना है कि कुछ दिनों में प्री मानसूनी बारिश हो जाए। मानसून में खेंच होने से किसान मायूस हैं तो दूसरी ओर जिन जलाशयों और बरसाती नदियों में जलराशि कम हो चुकी है वहां से जलप्रदाय की व्यवस्था अब प्रभावित होने लगी है जिम्मेदारों को अब बस जल्द बारिश होने की आस लगी है।