सीबीआई टीम ने कोटखाई के दांदी जंगल में गैंगरेप हत्याकांड मामले में खुद ‘गुड़िया’ बनकर क्राइम सीन को री-क्रिएट किया। एक अफसर को उस जगह खड़ा किया जहां गुड़िया का शव मिला था। अन्य को 100 मीटर दूर सड़क के ऊपर फिर नीचे, राजू के डेरे, नेपाली बस्ती और आसपास के क्षेत्रों में खड़ा किया गया।
स्पॉट से कभी हो-हो तो कभी हेलो-हेलो चिल्लाते रहे। सभी यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि वारदात के समय अगर गुड़िया चीखी-चिल्लाई होगी तो उसकी आवाज कहां तक गई। यह सारा सीन डीएसपी सीमा पाहूजा की निगरानी में किया गया।
पुलिस अधीक्षक एसएस गुरुम और डीआईजी स्तर के एक अधिकारी भी मौके मौजूद रहे। सीबीआई पुलिस की इस बात को पुष्ट करना चाह रही थी क्या छात्रा से गैंगरेप वाकई इस स्पॉट के पास हुआ है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई अब उन इलाके के ग्रामीणों से पूछताछ करेगी जहां तक उनकी आवाज गई।
DSP सीमा पाहूजा ने दोनों मामा से की लंबी पूछताछ
सीबीआई टीम के सात अधिकारी दो इनोवा गाड़ियों में वीरवार दोपहर करीब 12.30 बजे छैला से होते हुए वाया कोकूनाला महासू की ओर निकले। कोकूनाना से ऊपर सेब के एक बगीचे में डीआईजी और एसपी ने स्थानीय निवासी से क्षेत्र की जानकारी ली।
करीब डेढ़ बजे वन विश्राम गृह में सीमा पाहूजा ने दोनों मामा से लंबी पूछताछ की। दोनों से पूछा गया कि उन्हें किसी पर शक तो नहीं है। इसके बाद सीबीआई टीम करीब ढाई बजे स्पॉट पर पहुंची। सीमा पाहूजा ने मौके का बारीकी से मुआयना किया।
उन्होंने गुड़िया के दोनों मामा से दोबारा मौके पर कई तरह के सवाल किए। उनसे पूछा गया कि जब छह जुलाई को गुड़िया को पहली बार इस जगह पर देखा गया तो उसका शव किस हालत में पड़ा था। उस दौरान उन्होंने किन-किन चीजों को देखा और उन्हें शक किस पर है।
जंगल के रास्ते गुड़िया के घर पहुंची सीबीआई
जिस स्कूल में गुड़िया पढ़ती थी, उसी के बगल में वन विश्राम गृह है। यहां से पहले सीबीआई उस घटनास्थल तक गई जहां गुड़िया का शव फेंका गया था। वहां पर गुड़िया बनकर जांच करने और तमाम तरह की तहकीकात के बाद जंगल के बीचोंबीच से सीबीआई की
स्पेशल क्त्रसइम ब्रांच के ये सभी सदस्य गुड़िया के घर तक जंगल के दूसरे छोर तक पहुंचे। इसके बाद सीबीआई की टीम ने गुड़िया के मां-बाप और परिजनों से बातचीत की। इसके बाद देर रात को ही सीबीआई की यह टीम वापस शिमला के लिए लौट आई।
सीबीआई अधिकारी की मौजूदगी में बोले मामा – दांदी का भूत ही करेगा इंसाफ
सीबीआई के एक अधिकारी से गुड़िया के बडे़ मामा ने कहा कि जिनको पकड़ा गया, वे अपराधी हैं या नहीं, वे नहीं जानते। गलत लोग पकडे़ गए या सही लोग, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं। दांदी का भूत ही इस पूरे मामले में इंसाफ करेगा।
उसी के क्षेत्र में ही अपराध हुआ है। उसी की कृपा से सीबीआई यहां तक पहुंच चुकी है। अभी दांदी का भूत कहीं सोया पड़ा है, जागेगा तो सीबीआई को सब मालूम हो जाएगा। यह मालूम रहे कि दांदी जंगल के स्थान देवता को दांदी का भूत कहा जाता है। स्थानीय लोगों की इस देवता में बड़ी आस्था है।
गुड़िया प्रकरण में हर अफवाह CBI के रडार पर
गुड़िया प्रकरण की पुलिसिया जांच के दौरान जितनी भी अफवाहें सामने आईं, उन सब पर सीबीआई की नजर है। चाहे गुड़िया के पास फोन होने की बात हो या फिर उसके फेसबुक प्रोफाइल की बात। सीबीआई इन सभी पहलुओं पर स्थानीय लोगों से लेकर तकनीकी उपकरणों की मदद ले रही है।
सूत्रों की मानें तो मां के फोन को भी सीबीआई ने जांच के लिए कब्जे में लिया है। इसमें कॉल डिटेल के अलावा उस फोन से उपयोग किए जाने वाले सभी तरह के ऐप और उनमें दर्ज मैसेज व अन्य चीजों को रिकवर करने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस जांच के दौरान कई तरह के ऐसे लूप होल थे, जिन पर उसने गंभीरता से काम नहीं किया।
यही कारण रहा कि उनकी जांच छह गिरफ्तारी के बावजूद सवालों में घिरी रही। जानकार बताते हैं कि सीबीआई आने वाले समय में कथित आरोपियों और उनके फोटो मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर डाले जाने व हटाए जाने को भी जांच में शामिल कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो मुख्यमंत्री की आईटी टीम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।