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इसके लिए सरकार, वित्त मंत्रालय, आरबीआई, कैबिनेट सचिव और आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक मंत्रालय के बीच बातचीत चल रही है। सरकार ने कहा कि वो हर तरह के डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है।
ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार चाहती है कि कैश का प्रयोग लोग कम से कम करें। पीएम मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से लोगों से आग्रह किया था कि वो कैश के इस्तेमाल में कमी लेकर के आएं।
इससे पहले भी सरकार कई मौकों पर डिजिटल टांजेक्शन बढ़ाने को कह चुकी है। प्रधानमंत्री ने डिजिटल ट्रांजेक्शन में तेजी से हो रही बढ़ोतरी पर संतोष जताते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर नकेल कसने में मदद मिल रही है।
पीएम ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन से भ्रष्टाचार को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्हें खुशी है कि देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन का चलन बढ़ रहा है।
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भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012-13 में देश में कुल 89 सार्वजनिक और निजी सेक्टर के बैंक हैं। इनकी देश भर में 92114 शाखाएं थीं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक देश भर में 2,32,294 एटीएम हैं जबकि 12,20,763 प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें हैं।
बताते चलें कि साइट के मुताबिक प्रति सेकेंड करीब तीन से चार पीओएस एनपीसीआई से जुड़ रही हैं। कैशलेस अर्थव्यवस्था में डेटा और सूचना आदान प्रदान के लिए प्रमुख आवश्कता इंटरनेट है।