व्यापार

बिटक्वाइन लगभग 15 फीसदी की जबरदस्त गिरावट के साथ 14,500 डॉलर पर पहुंच गई

मुनाफावसूली की वजह से शुक्रवार को बिटक्वाइन लगभग 15 फीसदी की जबरदस्त गिरावट के साथ 14,500 डॉलर पर पहुंच गई। वर्चुअल करेंसी के लिए यह सप्ताह काफी उथल-पुथल भरा रहा, जिसमें इसने रिकॉर्ड उच्चस्तर को छुआ। करेंसी के लगातार आसमान छूने से इसकी अस्थिरता को लेकर लोगों में चिंता बढ़ गई है। किसी भी देश के केंद्रीय बैंक से इस मुद्रा को समर्थन नहीं मिला हुआ है।  
ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक, वर्चुअल करेंसी शुक्रवार को एशियाई बाजार में गिरकर 14,480 डॉलर के स्तर पर पहुंचने से पहले कुछ समय के लिए 17,000 डॉलर के नए रिकॉर्ड को छुआ। कारोबार के दौरान बाद में इसे एक बार फिर सहारा मिला और यह 16,100 डॉलर पर पहुंच गया।

साल 2009 में इनक्रिप्टेड सॉफ्टवेयर के रूप में अस्तित्व में आए इस डिजिटल रकम का इस्तेमाल बियर से लेकर पिजा खरीदने तक में किया जाता है और इसकी स्वीकार्यता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। बुकिंग वेबसाइट एक्सपीडिया जैसी कंपनियां भी इस करेंसी को स्वीकार करती हैं।

बीते एक सप्ताह के भीतर इसमें 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है, जबकि साल 2017 जनवरी मध्य में इसकी कीमत मात्र 752 डॉलर थी।

आरबीआई ने जारी किया था सर्कुलर
आरबीआई ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि इसका प्रयोग करने वाले आने वाले खतरों से आगाह रहें। इससे जो भी आर्थिक, सामाजिक, ऑपरेशनल, कानूनी नुकसान अगर होता है तो इसके जिम्मेदार वो खुद होंगे। 

गूगल फाइनेंस के डेटा के अनुसार बिटक्वाइन का बुधवार को मूल्य 12285 डॉलर के पार चला गया है। पिछले एक महीने में बिटक्वाइन की कीमत दोगुना हो गया है। लक्जमबर्ग आधारित बिटक्वाइन एक्सचेंज के मुताबिक बिटक्वाइन ने इस साल अपना सफर 1000 डॉलर से शुरू किया था यानी जनवरी की शुरुआत में एक बिटक्वाइन के बदले 1000 डॉलर मिलते थे।

मुद्रा आठ साल पहले वजूद में आई थी
बिटक्वाइन की शुरुआत 2009 में एक इनक्रिप्टेड सॉफ्टवेयर के साथ हुई। माना जाता है कि इस सॉफ्टवेयर का कोड एक साधारण व्यक्ति ने लिखा था, जिसका नाम जापानी नाम से मिलता-जुलता है। बिटक्वाइन की हालांकि कोई वैधानिक विनिमय दर नहीं होती है।

इसे किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का समर्थन प्राप्त नहीं है। कई देशों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। इसकी ट्रेडिंग एक विशेष प्लेटफॉर्म पर होती है। इसके सहारे आप लंदन में एक ग्लास बियर से लेकर मेनीक्योर तक के लिए भुगतान कर सकते हैं। इस करेंसी में हालांकि लेन-देन कम और ट्रेडिंग ज्यादा हो रही है।

दो सप्ताह में 45 फीसदी हुआ था मजबूत

गत महीने प्रमुख एक्सचेंज सीएमई ग्रुप ने कहा था कि वह बिटक्वाइन के लिए एक मार्केटप्लेस लांच करेगा। इससे इस मुद्रा को काफी मजबूती मिली। गत दो सप्ताह में ही इसका मूल्य 45 फीसदी चढ़ गया है। जनवरी 2017 में एक बिटक्वाइन की कीमत 752 डॉलर पर थी। इससे पहले इसे किसी भी प्रमुख एक्सचेंज पर सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

बुलबुला फूटने का सता रहा है डर
बिटक्वाइन में भारी मजबूती से निवेशकों में चिंता भी पैदा हुई है। इसके आलोचकों का कहना है कि इसमें पहले कई बड़े उतार-चढ़ाव हुए हैं। मंगलवार को न्यूयार्क में एक क्रिप्टोकरेंसी सम्मेलन में हेज फंड प्रबंधक माइक नोवोग्रैट्ज ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह एक बुलबुला है और इसमें काफी सारा झाग है।

यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा बुलबुला साबित हो सकता है। कई अन्य प्रतिभागियों ने हालांकि एक निवेश विकल्प के रूप में इसकी सराहना की। सिंगापुर के सैक्सो बैंक के मैक्रो व क्रिप्टो रणनीतिकार के वान-पीटरसन ने कहा कि मुझे लगता है कि इसमें और तेजी आएगी। यह अगले छह से 18 माह में 50,000 से 1,00,000 डॉलर का स्तर छू सकता है।

बिटक्वाइन है क्या?
बिटक्वाइन एक वर्चुअल मुद्रा है जिस पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं हैं। इस मुद्रा को किसी बैंक ने जारी नहीं किया है। चूंकि ये किसी देश की मुद्रा नहीं है इसलिए इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। बिटक्वाइन पूरी तरह गुप्त करेंसी है और इसे सरकार से छुपाकर रखा जा सकता है। साथ ही इसे दुनिया में कहीं भी सीधा खरीदा या बेचा जा सकता है। शुरुआत में कंप्यूटर पर बेहद जटिल कार्यों के बदले ये क्रिप्टो करेंसी कमाई जाती थी।

 
 

Related Articles

Back to top button