इसी क्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायाधीशों के अलावा साधू-सन्यासियों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। इस बाबत गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य के विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर बीती सात मार्च को गृह विभाग में समीक्षा की गई। इसमें तय किया गया कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री को जेड प्लस श्रेणी, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जेड श्रेणी और अन्य न्यायाधीशों को पुलिस एस्कार्ट के साथ वाई श्रेणी, बाबा रामदेव को जेड श्रेणी, रिटायर्ड न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा को राज्य में भ्रमण या प्रवास के दौरान जेड श्रेणी सुरक्षा प्रदान की गई है।
वहीं ज्योर्तिपीठ चमोली के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को राज्य में भ्रमण और प्रवास के दौरान जेड श्रेणी, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को इन्हीं परिस्थितियों में वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वरानंद को वाई श्रेणी की स्थायी सुरक्षा दी गई है।
इसी प्रकार हंस फाउंडेशन के भोले महाराज और मंगला माता को वाई श्रेणी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को पुलिस एस्कार्ट के साथ वाई श्रेणी और जगतगुरू रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य महाराज को एक्स श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। एक ओर तो सुरक्षा के लिए लोग जोड़-जुगाड़ और भारी-भरकम सिफारिश लगाने से नहीं चूकते, वहीं हाल ही में राज्यसभा गए सांसद अनिल बलूनी ने अपनी वाई श्रेणी सुरक्षा लौटाने की गुहार लगाई है।
7 अप्रैल को उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लिखे पत्र में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए शुक्रिया अदा किया है। साथ ही अगली लाइन में उन्होंने खुद को सुरक्षा की व्यवस्था न होने की बात कहते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध भी किया है। बलूनी का यह कदम चर्चा में है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के थाईलैंड में होने के चलते फिलहाल इस पत्र पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उनके आने के बाद ही सांसद बलूनी की सुरक्षा वापसी पर कोई फैसला संभव है।