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चीयरलीडर्स की जिंदगी का ये कड़वा सच जानकर आप भी सोचने को हो जाएंगे मजबूर

हर साल भारत में IPL खेली जाती है। IPL के दौरान हमें अलग-अलग टीमों में अलग-अलग खिलाड़ियों को खेलते हुए देखने का एक मौका मिलता है। IPL की शुरुआत के बाद से अब तक ना जाने कितने खिलाड़ियों को एक ऐसा मंच मिल चुका है जहां से उन्होंने अपने हौसलों की उड़ान भरी है। इस साल की बात करें तो इस साल IPL से पृथ्वी शॉ, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए हमें देखने का एक मौका मिला है। परंतु आज हम आपको IPL में खेलने वाले खिलाड़ियों की बात नहीं करने वाले बल्कि आज हम IPL के शान कहीं जाने वाली चियरलीडर्स की जिंदगी के बारे में बताने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर कैसी होती है एक चीयर लीडर की जिंदगी

8 टीमों की चियरलीडर्स

आपको यह बात तो पता ही होगी कि हर एक IPL में 8 टीमें एक दूसरे से मुकाबला करती है। इन 8 टीमों में से 6 टीमों की चियरलीडर्स विदेशी हुआ करती है। वही चेन्नई और रॉयल्स की टीम की चियरलीडर्स देसी गर्ल होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस बार दिल्ली की टीम को चीयर करने के लिए जो चियरलीडर्स मौजूद थी उनमें से चार चीयरलीडर्स यूरोप की थी वही दो ऑस्ट्रेलिया से।

ऑस्ट्रेलिया से आई चियरलीडर्स में से एक चीयरलीडर ने बताया कि वह पेशे से एक डांसर है और वह अब तक दुनिया के कई देशों में अपने डांस को लोगों के सामने परफॉर्म कर चुकी है। कैथरीन के मुताबिक उन्होंने महज 3 साल की उम्र से ही डांस करने की शुरुआत कर दी थी। डांस के प्रति काफी ज्यादा रुझान होने की वजह से ही आज वह चीयरलीडर्स बन चुकी है।

चीयरलीडिंग के दौरान टूट गयी थी पसली
इंग्लैंड के मैनचेस्टर से भारत आई चीयरलीडर्स डेट बैटमैन की मानें तो जिस वक़्त वह 11 साल की थी उसी दौरान उन्होंने चीयरलीडिंग की शुरुआत की थी। स्कूल से चीयरलीडिंग करके अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली इस चीयरलीडर की एक परफॉरमेंस के दौरान एक पसली भी टूट चुकी है। पसली के टूट जाने के बाद इस दर्द से उबरने में काफी लंबा वक्त लग गया था।

इस दर्द से उभरने के बाद उन्होंने एक बार फिर से चीयरलीडिंग की शुरुआत की। उनके मुताबिक एक चीयरलीडर को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए उनकी बॉडी का लचीला होना अति आवश्यक है। अपनी बॉडी को हमेशा लचीला बनाए रखने के लिए यह चीयरलीडर काफी ज्यादा मेहनत किया करती है। उनके मुताबिक मैदान पर क्रिकेट खेलने वाला खिलाड़ी जितना ज्यादा मेहनत किया करता है उसके बराबर ही किसी मैच में चीयरलीडिंग करने के पहले प्रैक्टिस करना पड़ता है।

चीयरलीडिंग करके वह कैसा महसूस करती है?

आपको बता दें कि जब यह सवाल एक चीयरलीडर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें भारत आकर बहुत अच्छा लग रहा है। उनके मुताबिक यहां आने के बाद उन्हें एक सेलिब्रिटी के जैसी फीलिंग आ रही है। लोग उनके पास उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए भी आते हैं।

हालांकि उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया कि वह पोडियम पर डांस करने के लिए लोगों के सामने आया करती है। जो कि भोग विलास के सामान नहीं है बावजूद इसके लोग उन्हें गलत समझते हैं। उनके मुताबिक लोगों के द्वारा उन्हें भी इंसान के रूप में ही समझा जाना चाहिए और उनके शरीर के ऊपर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।

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