पाकिस्तान पर आतंकवादी देश के ठप्पे पर इस देश ने साधी चुप्पी
बीजिंग : चीन ने वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) द्वारा आतंकवाद के वित्त पोषण पर रोक लगाने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को संदिग्धों की सूची में डालने पर टिप्पणी करने से आज इनकार किया. उसने हमेशा की तरह अपने करीबी सहयोगी की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्व को यह पता होना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने बड़े प्रयास किए और बलिदान दिए हैं. पाकिस्तान को झटका देते हुए वित्तीय निगरानी संगठन एफएटीएफ ने इस्लामाबाद के 26 सूत्री कार्ययोजना सौंपने और इस फैसले से बचने के लिए ठोस कूटनीतिक प्रयास करने के बावजूद आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने में विफल रहने के लिए उसे ग्रे सूची यानी संदिग्धों की सूची में डाल दिया.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एफएटीएफ के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा, हम कार्रवाई बल के फैसले पर टिप्पणी नहीं करेंगे. लेकिन हम समझते हैं कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ बड़े प्रयास और बलिदान किए हैं. उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे एक उद्देश्य के तौर पर देखना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान को अधिक सहयोग तथा मान्यता देनी चाहिए. लु ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के प्रयासों को ना केवल चीन ने पहचाना बल्कि दुनियाभर के कई देशों ने भी माना है. प्रवक्ता ने कहा, हमारा हमेशा से मानना है कि पाकिस्तान सरकार और लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़े प्रयास और बलिदान दिए हैं तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे पूरी तरह स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में वित्तीय नियमन बढ़ाने, आतंकवाद के वित्त-पोषण को रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाए हैं तथा बहुत महत्वपूर्ण प्रगति की है. लू कांग ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष पाकिस्तान पर आरोप लगाने तथा उस पर दबाव बनाने के बजाय उसके प्रयासों को देख सके. चीन और पाकिस्तान के बीच सदाबहार कूटनीतिक सहयोग भागेदारी है तथा चीन, पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाना चाहता है.