मोलस्क प्रजाति में घोंघा और सीप आते हैं जो समुद्र के किनारे चुपचाप पड़े रहते हैं। शोध में यह पाया गया कि मोलस्क प्रजाति के वे जीव जो अधिक सक्रिय थे वे 50 लाख साल पहले ही विलुप्त हो गए। उन्होंने बताया कि जो प्रजाति अभी पाई जा रही हैं वह आलसियों की तरह चुपचाप पड़ी रहती हैं। इनका मेटाबॉलिजम रेट भी काफी कम होता है।
इस शोध के बाद शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि जिन प्रजातियों की मेटाबॉलिक रेट अधिक होती है वो आलसी जीवों की तुलना में कम जी पाते हैं।