नई दिल्ली : जासूसी कांड के आरोप से दोषमुक्त हुए इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है| सुप्रीम कोर्ट ने वैज्ञानिक को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिया है| नंबी नारायण को फंसाने के मामले में केरल के पुलिस अफसरों की भूमिका को लेकर न्यायिक कमेटी का गठन किया है| कोर्ट ने कहा नंबी नारायण को बेवजह सफर करना पड़ा और कमेटी के लिए केंद्र और केरल राज्य सदस्य नियुक्त करेंगे| सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस डीके जैन इसकी अध्यक्षता करेंगे| जासूसी कांड के आरोप से दोषमुक्त हुए इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था| नंबी नारायण ने अपनी अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी| दरअसल, सिबी मैथ्यू ने ही इस जासूसी कांड की जांच की थी| नंबी नारायण ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी| हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, कि डीजीपी सिबी मैथ्यू और दो रिटायर्ड पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं है| इन अफसरों को सीबीआई ने नंबी नारायण की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार बताया था|
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