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अमेरिकी टैपरिंग का सामना करने के लिए तैयार रहें : चिदंबरम

ame4नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को भारतीय वित्तीय नियामकों को अमेरिका में वित्तीय प्रोत्साहन कटौती (टैपरिंग) के विपरीत प्रभाव का सामना करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह कटौती देर-सबेर होने ही वाली है। वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की आठवीं बैठक को यहां संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा ‘विकसित देशों में मौद्रिक नीति की वापसी को फिलहाल टाले जाने से मिली मोहलत का उपयोग आर्थिक असंतुलन को दूर करने में किया जाना चाहिए।बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक चिदंबरम ने कहा कि अमेरिका में वित्तीय प्रोत्साहन (क्वांटेटिव इजिंग) में कटौती देर-सबेर होने ही वाली है। इसका भारत पर कोई बुरा असर नहीं पड़े इसलिए नियामकों को जरूरी कदम उठाने चाहिए। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में शीर्ष वित्तीय नियामक शामिल हुए जिनमें थे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, वित्त सचिव आर.एस. गुजराल, आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम,  वित्तीय सेवा सचिव राजीव टक्रू और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष यू.के. सिन्हा। अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने पिछले महीने प्रति महीने 85 अरब डॉलर मूल्य के बांड की खरीदारी के प्रोत्साहन कार्यक्रम (क्वांटिटेटिव इजिंग) को जारी रखने का फैसला लेकर सभी को हैरत में डाल दिया।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक बैठक में अन्य बातों के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन  अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा जारी प्रोत्साहन में कटौती का प्रभाव और उससे बचने के उपायों पर चर्चा हुई।

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