दितीय विश्वयुद्ध : जापानी सैनिकों ने चीनी नागरिकों का मांस पकाकर खाया द्ध
बीजिंग। । एसएए की वेबसाइट पर गुरुवार को जापान के एक युद्ध अपराधी द्वारा 1954 में लिखे गए इकरारनामे को प्रकाशित किया गया हैए जिसमें उसने दितीय विश्वयुद्ध के दौरान चीनी नागरिकों की हत्याओं और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बात कबूली है। जापान के एक सैनिक कुनिहीरो नकाओ ने चीन में 194० से 1945 के दौरान अपनी बर्बरता की विस्तार से जानकारी दी है। नकाओ के 1954 में लिखे इकरारनामे के मुताबिकए जापान के यामागुची प्रांत में 1921 को जन्मे नकाओ ने हुबेई प्रांत के हुआंगगांग काउंटी में 1० अप्रैल 194० को दो चीनी बंदियों की निर्दयता से हत्या कर दी थीए ये दोनों पुरुष थे और इनकी उम्र 2० से 22 वर्ष के बीच थी। नकाओ के मुताबिकए जापानी सेना के एक रसोइए ने एक चीनी नागरिक का तलवार से सिर धड़ से अलग कर दियाए जबकि कई सैनिकों ने एक अन्य व्यक्ति पर एक साथ बेनट से वार कियाए जिस वजह वह गड्ढे में गिर गया। इसके बाद नकाओ ने उसे जिंदा ही गड्ढे में दफ्न कर दिया। इकरारनामे के मुताबिकए नकाओ ने अक्टूबर से नवंबर 194० तक अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हुबेई प्रांत के जिंगमेन काउंटी में निशानेबाजी अभ्यास के लिए चीनी लोगों का लक्ष्य चिह्न के रूप में इस्तेमाल कियाए जिसमें तीन चीनी नागरिकों की मौत हो गई।नकाओ के इकरारनामे के मुताबिकए जून 1942 में हुबेई प्रांत के जिआनलिंग काउंटी में उसके सहयोगी ने 3० वर्षीय एक चीनी नागरिक को बंधक बना लिया और बेनट से वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसकी जांघ से 1.5 किलोग्राम मांस काटा और उसे कपड़े में लपेटकर मुझे दे दिया। इसके बाद उस मांस को पोर्क चिकनए मछली और सब्जियों के साथ पकाया गया। हमारे स्क्वैड के सभी 4० सदस्यों ने उसे खाया।नकाओ ने जुलाई 1942 में हुबेई के डांगयांग काउंटी में रास्ते से दो चीनी महिलाओं को बंधक बनाकर उनके साथ दुष्कर्म किया। उसने बंधक बनाई गई चीनी और कोरियाई महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बात भी कबूली। नकाओ ने जून 1941 से मई 1945 तक 25 चीनी महिलाओं के साथ 3० बार और 12 कोरियाई महिलाओं के साथ 14 बार दुष्कर्म किया। विश्वयुद्ध की समाप्ति की 7०वीं बरसी के मौके पर स्मरणोत्सव कार्यक्रमों के मद्देनजर अपनी वेबसाइट पर जापानी युद्ध अपराधियों के 31 इकरारनामों को प्रकाशित कर रही हैं।