मध्यप्रदेश के आगर मालवा में बनाए गए देश के पहले गो- अभयारण्य का उद्घाटन होने के लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी गायों की स्थिति चिंताजनक है. लगातार हो रही गायों की मौत ने यहां की व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है. एक ही रात में 50 से ज्यादा गायों की मौत से यहां हड़कंप मच गया है. प्रदेश में जब शिवराज सिंह की सरकार थी तब अलग से गो मंत्रालय बनाने की बात कही जा रही थी तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी अपने वचन पत्र में गायों का सहारा लेकर चुनावी वादे किए थे. लेकिन एक साथ इतनी गायों की मौत से मध्यप्रदेश में फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
आगर मालवा जिले के सालरिया में बनाए गए कामधेनु गो- अभयारण्य में लगातार गायों की मौत की खबर सामने आने के बाद आज सुबह भाजपा के दो पूर्व विधायक मुरलीधर पाटीदार और बद्रीलाल सोनी ने भाजपा के पदाधिकारियों के साथ गो- अभयारण्य का दौरा किया.
बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया कि आज उन्होंने गिनती की है जिसमें लगभग 50 से अधिक गायों की मौत एक ही रात में हुई है. गो- अभयारण्य को बूचड़खाना बना दिया गया है. यहां गायों के खाने के लिए भूसा नहीं है, ठंड से बचने के कोई इंतजाम नहीं है. बीमार गायों का इलाज नहीं किया जा रहा है जिसके चलते गायों की मौत हो रही है जबकि अधिकारी संख्या कम बता रहे हैं.
वर्तमान में गायों को केवल भूसा दिया जाता है लेकिन इस गो- अभयारण्य में बने खाली भूसा गोदामों को देखकर साफ है कि यहां पर मौजूद गाय दिन के समय जंगल में जो भी घास खाती हैं, उसी पर ही जीवित हैं. दूसरी तरफ कमजोर, अस्वस्थ गायों की मौत ठंड के चलते भी हो रही हैं.
गो-अभयारण्य के उप संचालक डॉक्टर व्ही कोसरवाल के अनुसार महीने में केवल 60-70 गायें मर रही हैं और साल भर में केवल 300 गायों की ही मौत हुई है. जबकी एक ही रात में मरी हुई 50 से अधिक गायों के शव कैमरे में कैद हुए है. ऐसे में साफ है कि गायों के मरने की संख्या बहुत अधिक है जबकि ये आंकड़ा साफ नहीं बताया जाता है. अधिकारियों द्वारा बताए गए आंकड़ों से कई ज्यादा गायों की मौत हो रही है. अब ये तस्वीरें साफ बयां कर रही है कि गाय कितनी संख्या में मर रही होंगी.
गो-अभयारण्य में काम कर रहे मजदूरों की परेशानी भी कुछ कम नहीं है. यहां भूसे की कमी है जब ठेकेदार भेज देता है उतना गायों को डाल देते हैं. नहीं होने पर नहीं डालते हैं. कई मजदूरों ने नौकरी से निकाले जाने के डर से कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया परन्तु कैमरे के पीछे गायों की मौत पर कहा कि यहां पर रोजाना 8 से 10 गायों की मौत हो जाती है.
2012 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आगर मालवा जिले के सालरिया गांव में देश के पहले गो-अभयारण्य का भूमि पूजन किया था. 472 हेक्टेयर जमीन पर 33 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले इस अभ्यारण्य में गायों की हिफाजत करने की योजना थी. इससे उनको छत नसीब होती और उनके स्वास्थ्य के साथ साथ खान-पान का ध्यान रखा जाता.
साल 2016 में इसका काम पूरा हुआ और सितम्बर 2017 में इसकी विधिवत शुरुआत भी हो गई लेकिन इसके संचालन का जो ढर्रा है वो कई तरह के सवाल खड़े करता है. 6000 गायों की क्षमता के 24 शेड बनाए गए जिनमें महज 4700 करीब गाय ही मौजूद हैं. उनकी भी हालत बड़ी दयनीय है.