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हिमाचल चुनाव 2017: वीरभद्र सिंह और धूमल खुद के लिए नहीं डाल सके वोट, जानिए बड़ी वजह

शिमला| हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हुआ. इस चुनाव में 50 लाख मतदाता वोट डालेंगे. इस बार चुनावी मैदान में 19 महिलाओं सहित 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच है.हिमाचल चुनाव 2017: वीरभद्र सिंह और धूमल खुद के लिए नहीं डाल सके वोट, जानिए बड़ी वजह

कांग्रेस ने इस बार भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर दांव खेला है तो वहीं बीजेपी की ओर से प्रेम कुमार धूमल को सीएम उम्‍मीदवार बनाया है. मगर ये दोनों उम्‍मीदवार विधानसभा चुनाव में खुद के लिए वोट नहीं डाल सके. दरअसल, दोनों ही बड़े नेता अपने गृह क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल दोनों अपनी सीट बदल चुके हैं और अरकी तथा सुजानपुर से लड़ रहे हैं.

वीरभद्र सिंह का गृह क्षेत्र शिमला है तो वहीं धूमल का गृह क्षेत्र समीरपुर विधानसभा क्षेत्र के भोरंज के तहत आता है. वीरभद्र और धूमल ही नहीं कई और उम्‍मीदवार भी हैं जो गुरुवार को हो रही वोटिंग के दौरान खुद को वोट नहीं डाल सके.

बता दें कि राज्य में 19 लाख महिलाओं और 14 ट्रांसजेंडर सहित कुल 50.25 लाख मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मतदान प्रक्रिया शाम पांच बजे तक जारी रहेगी. मतगणना 18 दिसंबर को गुजरात चुनाव की मतगणना के साथ ही होगी. मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है.

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