पुलवामा आतंकी हमले के बाद शहीदों के परिजनों की जो कहानियां सामने आ रही हैं, वह किसी को भी रुलाने के लिए काफी हैं. कोई परिवार पालने के लिए सुरक्षाबल की नौकरी में गया, तो कोई देश सेवा के लिए. कारण सबके अलग, लेकिन अंजाम हुआ एक… मिली शहादत.
ऐसी ही एक दर्दनाक कहानी पंजाब के तरन तारन शहर में बसने वाले शहीद की है जो कश्मीर में ड्यूटी पर था. शादी के 7 सालों तक उसे कोई औलाद नसीब नहीं हुई थी. काफी मन्नतों के बाद जब उसके बेटा हुआ तो परिवार खुशियों में डूब गया. अभी उम्र 8 महीने भी नहीं हुई कि बाप ही आतंकी हमले में शहीद हो गया.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों में से एक जवान जिला तरन तारन के गांव गंडीविंड धत्तल का रहने वाला था. सुखजिंदर सिंह के शहीद होने की खबर जैसे ही इस परिवार में पहुंची पूरे परिवार में मातम छा गया. शहीद सुखजिंदर सिंह के मां-बाप, दो भाइयों और पत्नी के अलावा एक 8 माह का बेटा भी था. घर के सभी सदस्य सुखजिंदर सिंह पर ही निर्भर थे.
परिवार वालों का कहना है कि शादी के 7 साल बाद बड़ी मन्नतों से सुखजिंदर सिंह के घर औलाद हुई थी लेकिन अब खुद सुखजिंदर सिंह ही नहीं रहा. आतंकवादियों ने जिस तरह का कायरतापूर्वक हमला किया है उससे यह परिवार बहुत गुस्से में है. परिजनों का कहना है कि पाकिस्तान के साथ अब आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए. तभी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आएगा.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार दोपहर जवानों पर सबसे बड़ा आत्मघाती हमला हुआ. इस हमले में 37 जवान शहीद हो गए. हमला तब हुआ जब सुरक्षाबलों का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था. तभी एक आत्मघाती, कार से आया और बस से टकराकर विस्फोट करा दिया.