भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की गिरफ्तारी पर प्रियंका गांधी ने कहा- ये अपमान बर्दाश्त के बाहर
दिल्ली में रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध में रामलीला मैदान में जुटे भीम आर्मी के कार्यकर्ता उग्र हो गए और पत्थरबाजी की। इन्हें रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग के साथ ही भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद समेत कई लोगों को गिरफ्तार करना पड़ा। इन्हीं गिरफ्तारियों के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी चंद्रशेखर आजाद के बचाव में उतर आई हैं। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘भाजपा सरकार पहले करोड़ों दलित बहनों-भाइयों की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक रविदास मंदिर स्थल से खिलवाड़ करती है और जब देश की राजधानी में हजारों दलित भाई-बहन अपनी आवाज उठाते हैं तो भाजपा उन पर लाठी बरसाती है, आंसू गैस चलवाती है, गिरफ़्तार करती है।’
प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘दलितों की आवाज का ये अपमान बर्दाश्त से बाहर है। यह एक जज्बाती मामला है उनकी आवाज का आदर होना चाहिए।’
गौरतलब है कि रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध मेें रामलीला मैदान में जुटे लोग बुधवार शाम तुगलकाबाद पहुंच गए। हजारों लोगों ने तोड़े गए मंदिर की ओर कूच करने की कोशिश की।
पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो इन लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। उग्र होती भीड़ को रोकने के लिए आखिर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद भीड़ की पुलिस से खूब झड़प हुई। भीड़ ने तुगलकाबाद इलाके में सड़क पर खड़ी गाड़ियों को तोड़ना शुरू कर दिया। 100 से अधिक गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए।
हिंसक होती भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले चलाए। इसके बाद लाठियां भांजीं गईं। बवाल के दौरान कई पुलिसकर्मियों के अलावा भीड़ में मौजूद दर्जनों लोग जख्मी हो गए। पुलिस ने देर शाम भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद समेत दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
फिलहाल पूरे तुगलकाबाद इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। लोकल पुलिस के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की कई कंपनियां मौके पर तैनात हैं। इससे पूर्व, प्रदर्शनकारियों की वजह से दिनभर दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भीषण जाम के हालात रहे।
जानकारी के अनुसार, रामलीला मैदान से आठ से दस हजार लोगों की भीड़ शाम करीब पांच बजे आश्रम चौक पहुंच गई। वहां से ये लोग मथुरा रोड होते हुए कालकाजी मंदिर, गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के रास्ते तुगलकाबाद एक्सटेंशन टी-प्वाइंट पर पहुंच गए। वहीं से कुछ दूरी पर पुलिस ने तारा अपार्टमेंट लाल बत्ती पर बेरीकेड लगाए हुए थे। वहां वाटर कैनन, वज्र वाहन व अन्य इंतजाम किए गए थे। पुलिस ने भीड़ से आगे न बढ़ने का आग्रह किया, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया।
शुरुआत में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को पीछे हटाने का प्रयास किया। इससे भीड़ और हिंसक हो गई। लोगों ने पुलिस पर लाठी-डंडों से हमला करने के अलावा पथराव शुरू कर दिया। गुस्साई भीड़ ने तारा अपार्टमेंट और उसके आसपास सड़क पर खड़ी 100 से अधिक गाड़ियों के शीशे तोड़ने के अलावा कुछ बाइकों में आग भी लगा दी। हालात बिगड़ते देखकर पुलिस को हवाई फायरिंग करने के अलावा आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। पुलिस ने भीड़ को खूब दौड़ाया।
इस बीच, भीड़ में मौजूद लोग तुगलकाबाद और गोविंदपुरी की गलियों में घुस गए। शाम करीब 7 बजे शुरू हुआ बवाल करीब 8:30 बजे तक चला। पुलिस ने भीड़ में शामिल नेताओं समेत दर्जनों लोगों को हिरासत में ले लिया।
बवाल के दौरान दक्षिणी दिल्ली और दक्षिण-पूर्व दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में ट्रैफिक पूरी तरह ठप रहा। बवाल और हमले के दौरान पुलिस के कई जवानों समेत भीड़ में मौजूद लोग जख्मी हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
संयुक्त आयुक्त समेत दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर डटे रहे। देर शाम अतिरिक्त पुलिस बल की कई कंपनियों को मौके पर बुलाया गया। बवाल के दौरान कितनी बाइकों को आग लगाई गई और कितनी कारों व अन्य वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया, पुलिस उसका आंकलन करने में लगी हुई थी। बवाल के दौरान स्थानीय लोगों को भी खासी परेशानी हुई। लोग अपने-अपने घरों में बंद हो गए।