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PNB Scam: वित्त मंत्रालय ने बड़े बकाएदारों पर कसा शिकंजा

पीएनबी महाघोटाले के बाद केंद्र सरकार ने उन लोगों पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने बैंकों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्जा ले रखा है। अब ऐसे लोगों को अपनी पासपोर्ट की डिटेल जमा करनी पड़ेगी।

इसलिए उठाया सरकार ने यह कदम
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि कोई व्यक्ति डिफॉल्टर होने पर देश छोड़कर भाग न सके। नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी फिलहाल देश छोड़कर भाग गए हैं। मोदी और चोकसी के बारे में अभी जांच एजेंसियों को यह भी नहीं पता है कि ये दोनों कौन से देश में हैं।

पासपोर्ट न होने पर देना होगा डिक्लेरेशन
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश में सभी सरकारी बैंकों से कहा गया है कि अगर बकाएदार के पास पासपोर्ट नहीं है तो फिर उस व्यक्ति से डिक्लेरेशन के तौर पर सर्टिफिकेट लेना होगा।

वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों से लोन के भरे जाने वाले अप्लीकेशन फॉर्म में बदलाव करने का निर्देश भी दिया है। इसके तहत अब आवेदकों को अपनी पासपोर्ट डिटेल्स भी देनी होगी। पासपोर्ट डिटेल होने से बैंक आसानी से जांच एजेंसियों को घोटालेबाज बकाएदारों के खिलाफ समय से कार्रवाई करने में आसानी होगी।

विलफुल डिफॉल्टर पर कसेगा शिकंजा
केंद्र सरकार इस तरह विलफुल डिफॉल्टर के खिलाफ भी अपना शिकंजा कस सकेगी, जो देश छोड़ने की फिराक में बैठे हुए हैं। पीएनबी महाघोटाले के बाद ज्यादातर बैंक बड़े बकाएदारों के खिलाफ अब कार्रवाई करने लगे हैं।

सरकार लेकर आ रही है सख्त कानून
सरकार बैंक का मोटा कर्ज लेकर विदेश भागने वालों के लिए नया सख्त कानून ले कर आ रही है। इस संबंध में तैयार किए जा रहे कानून के मसौदे के मुताबिक 100 करोड़ रुपए से ऊपर के कर्ज वाले भगोड़े की देश में मौजूद संपत्ति को सरकार एजेंसियां जब्त कर लेगी।

यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जबतक भगोड़ा वापस आ कर न्यायिक प्रक्रिया में शामिल नहीं हो जाता। यह विधेयक 5 मार्च से शुरु होने वाले बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में पेश किया जा सकता है। सरकार ने 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भागने वाले शराब व्यवसायी और राज्यसभा सांसद विजय माल्या प्रकरण के बाद ऐसे कानून बनाने का फैसला किया था। पिछले साल मई से इसपर काम चल रहा है।

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