पाठ्य पुस्तकों में साहस, शौर्य, राष्ट्र निष्ठा की कहानियां होनी चाहिए : वेंकैया नायडू
नई दिल्ली : उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गुरुवार को कहा कि भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देने के लिए ऐसे महान नायकों और अद्भुत युवा क्रांतिकारियों के साहस, शौर्य, राष्ट्र निष्ठा की कहानियां स्कूल की पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित की जानी चाहिए।
श्री नायडू ने सोशल नेटवर्क वेबसाइट फेसबुक पर लिखे एक लेख में कहा कि आज 23 जुलाई, भारत के स्वाधीनता आंदोलन के दो प्रमुख नायकों की जन्म जयंती है – पुरोधा क्रांति नायक बाल गंगाधर तिलक (23 जुलाई, 1856) तथा विलक्षण युवा क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद (23 जुलाई, 1906)। हालांकि इन दोनों महापुरुषों के जन्म में लगभग 50 वर्षों का अंतर था, फिर भी भारत के स्वाधीनता संघर्ष को दिशा देने में वे दोनों ही, प्रेरणा के अनुकरणीय स्रोत रहे है। उन्होंने कहा, “ मेरा मानना है कि आज के युवाओं को उनके जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व, स्वाधीनता आंदोलन में उनके योगदान, के बारे में जानना चाहिए, पढ़ना चाहिए।
मीडिया को भी सिर्फ स्मृति समारोहों भर को ही प्रचारित प्रसारित करने मात्र पर सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि ऐसी प्रेरणास्पद कहानियों को तो निरंतर प्रचारित किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस फेसबुक पोस्ट का उद्देश्य इन दो महापुरुषों के प्रति मात्र श्रद्धांजलि अर्पित करना ही नहीं बल्कि युवाओं में ऐसे प्रेरक नायकों के बारे में, जिज्ञासा जगाना भी है।