फिर हड़ताल, दो दिन तक नहीं उठेगा घर से कूड़ा
यूनियन ने यह भी संकेत दिए हैं कि यदि 6 नवंबर को प्रस्तावित एजीएम की बैठक आयोजित नहीं होती है और बैठक आयोजित होने पर यूनियन की सभी मांगें पूरी नहीं की जाती तो यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएगी। दीवाली से ठीक पहले सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से शहर में सफाई व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ सकती है। सैहब सोसाइटी कर्मचारी वेलफेयर यूनियन ने नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और कमिश्नर पर सफाई कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
यूनियन के प्रतिनिधियों का कहना है कि 28 सितंबर को नगर निगम ने इस आश्वासन पर सफाई कर्मियों की हड़ताल खत्म करवाई थी कि दस दिन के भीतर एजीएम आयोजित कर उनकी सभी मांगें मान ली जाएंगी। लेकिन अब जबकि एक महीने से अधिक का समय बीत गया है मांगें मानना तो दूर बैठक तक आयोजित नहीं की जा रहीं। एक महीने के भीतर नगर निगम चार बार एजीएम स्थगित कर चुका है। सफाई कर्मियों के पास अब हड़ताल पर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।
सैहब सोसायटी कर्मचारी वेलफेयर यूनियन के सलाहकार नरेश शर्मा ने बताया कि मेयर, डिप्टी मेयर और एमसी कमिश्नर ने सफाई कर्मियों के साथ धोखा किया है। चार बार डेट फाइन करने के बाद एजीएम कैंसल कर दी गई है। 4 और 5 नवंबर को सफाई कर्मी रोष स्वरूप काम बंद रखेंगे। अगर मांगें नहीं मानी तो इसके बाद आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। शहर के लोगों को पेश आने वाली समस्या के लिए एमसी प्रशासन जिम्मेवार होगा।
निगम को नहीं दी कोई सूचना : आयुक्त
सफाई कर्मियों ने हड़ताल पर जाने को लेकर नगर निगम को कोई पूर्व सूचना नहीं दी है। हड़ताल पर जाने से पहले अग्रिम नोटिस देना कानून जरूरी है। बिना पूर्व सूचना यदि सफाई कर्मी काम से गैरहाजिर रहते हैं तो इसे अवैध माना जाएगा।-पंकज राय आयुक्त, नगर निगम शिमला।