अद्धयात्म

नरक चतुर्दशी पर करें ये उपाय, नहीं रहेगा अकाल मृत्यु का भय

deepak-1445940456दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी एवं छोटी दीपावली के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर दैत्य का संहार कर लोगों को अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी। साथ ही यह भी मान्यता है कि इस दिन घरों में पितृश्वरों का आगमन होता है, अत: उनकी आत्मा की शांति के लिए यमराज के निमिश्र घर के बाहर तेल का चौमुख दीपक जलाया जाता है। आगे पढ़िए इस दिन कैसे पूजन करना चाहिए आैर उसमें किस सामग्री का उपयोग करना चाहिए…

विशेष पूजा इस प्रकार करें : सर्वप्रथम एक थाल को सजाकर उसमें एक चौमुख दीया तथा सोलह छोटे दीप जलाएं। तत्पश्चात् रोली, खीर, गुड़, अबीर, गुलाल तथा फूल इत्यादि से ईष्ट देव की पूजा करें। इसके बाद अपने कार्य स्थान की पूजा करें।
पूजा के बाद सभी दीयों को घर के अलग-अलग स्थानों पर रख दें। गणेश एवं लक्ष्मी के आगे धूप-दीप जलाएं। संध्या के समय यमराज के लिए भी दीपदान करें। पारौणिक मान्यता के अनुसार जो इस दिन श्रद्धा से पूजन करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं होता।

 

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