बेंगलुरु: बेंगलुरु में व्हाइट फील्ड से मर्थनाहल्ली के बीच सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स ने एक मानव श्रृंखला बनाई ताकि सरकार को उसकी कमियां गिनवाई जा सके। तकरीबन 20 हजार के आसपास सॉफ्टवेयर से जुड़े महिला पुरुष जगह-जगह अपनी सुविधा के मुताबिक लंबी कतार लगाते नजर आए। हैंड बिल्स और पोस्टर्स पर लिखा था कि ‘नो रोड्स नो टैक्स’। दरसअल, हाल ही में शहर की सड़कों पर गड्ढों की संख्या काफी बढ़ गई है।
सड़कों पर बढ़ी गड्ढों की संख्या
सड़कों पर गड्ढों की संख्या बढ़ जाने से गाड़ियों की न सिर्फ रफ्तार कम हुए है, बल्कि रात में इन गड्ढों के कारण कई लोग प्रतिदिन घायल हो रहे हैं। पिछले तीन महीनों में इन्हीं गड्ढ़ों के कारण एक महिला और एक कॉलेज छात्र की मौत भी हो चुकी है। इस मानव श्रृंखला में मौजूद डॉ. टीजे प्रदीप कुमार ने बताया कि 40 फीसदी मरीज वक्त रहते अस्पताल नहीं पहुंच पाते, क्योंकि खस्ताहाल सड़कों की ट्रैफिक में एम्बुलेंस घंटों फंसी रहती है।
भर दिए जाइएंगे गड्ढे
वहीं, बारिश के बाद इन सड़कों के हाल और भी खराब हो जाते हैं। पता नहीं चलता की पानी कितना गहरा है। ऐसे में दुर्घटना होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। खासकर फ्लाईओवर से नीचे आते वक्त स्पीड होने के कारण यह फ्लाइ ओवर जानलेवा साबित होता है। बता दैं, जो दो मौते गड्ढों की वजह से हुए हैं वो दोनों फ्लाईओवर पर ही हुए हैं। मामला बिगड़ता देख बेंगलुरु के प्रभारी मंत्री केजी जॉर्ज ने रविवार तड़के शहर का दौरा भी किया और वादा किया की जल्द से जल्द गड्ढे भर दिए जाइएंगे।
गड्ढ़ों को भरने के लिए हॉलैंड से आयतिति स्वचालित मशीनों का भी इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन गड्ढे हैं की कम होने का नाम नहीं ले रहे। ऐसे में लोगों का गुस्सा भी फूट पड़ा है, क्योंकि सड़कों की वजह से बच्चों को घंटों स्कूल बसों में रहना पड़ता है।