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अब तिहाड़ जेल से कॉल नहीं कर पाएंगे कुख्यात कैदी और आतंकी, हाई रिस्क वार्ड में लगेंगे ट्रेडिशनल जैमर सिस्टम

नई दिल्ली : तिहाड़ में लगातार मिल रहे मोबाइल फोन से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर जेल से पंजाबी सिंगर मूसेवाला की हत्या की साजिश फोन पर रचे जाने का खुलासा होते ही जेल प्रशासन भी सकते में आ गया है और हर हाल में कैदियों के बीच मोबाइल की पहुंच पर रोक लगाने में जुट गया है। इसके लिए तिहाड़ प्रशासन ने अब जेल के वार्ड में भी जैमर लगाने का निर्णय लिया है। ये जैमर जेल के हाई रिस्क वार्ड में लगाए जाएंगे, ताकि इन वार्ड में बंद कुख्यात गैंगस्टर व आतंकी मोबाइल का इस्तेमाल न कर सकें।

इसकी जानकारी तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने दी। उन्होंने बताया कि तिहाड़ के इन कैदियों पर अब तकनीक का इस्तेमाल कर लगाम लगाई जाएगी। मोबाइल कनेक्टिविटी सिस्टम को बंद करने से जेल में अब जेल से कैदियों का कॉल करना बंद हो जाएगा। इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। माना जा रहा है कि हाई रिस्क वार्ड में जैमर लगने के बाद मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लग जाएगी।

अभी क्या है व्यवस्था
अभी कैदियों के बीच मोबाइल कनेक्टिविटी को बंद करने के लिए पूरे तिहाड़ जेल में महज 3 कॉल जैमिंग टावर लगे हैं। ताकि अगर कैदी चोरी-दिपे कहीं से मोबाइल हासिल भी कर लें तो ये फोन कॉलिंग की सुविधा का लाभ नहीं उठा सकें।

जेल में ऐसे करते है इस्तेमाल
-कैदी जैमर का तार काट देते है।
-उन्हें जेल की वो लोकेशन भी पता होती है जहां जैमर का असर नहीं होता
-कई बार ये दूसरों का नेट इस्तेमाल करते हैं

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