रिटायर्ड जज के खिलाफ अभियोग चलाने को सीबीआइ ने मांगी मंजूरी
लखनऊ: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ से जुड़े न्यायिक भ्रष्टाचार के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन शुक्ला के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है।
जुलाई 2020 में सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति शुक्ला पर इंस्टीट्यूट के पक्ष में एक आदेश पारित करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। न्यायमूर्ति शुक्ला और ओडिशा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज आइएम कद्दूसी ने कथित तौर पर षड्यंत्र कर प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के कालेज को डिबार किये जाने के मामले में राहत देने के लिए ट्रस्ट से घूस ली थी।
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रलय ने प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज को मई 2017 में खराब सुविधाओं और आवश्यक मानदंडों को पूरा न करने के कारण दो साल ( 2017-19) के लिए मेडिकल छात्रों को प्रवेश देने से रोक दिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एफआइआर दर्ज करने के बाद दिसंबर 2019 में शुक्ला के आवास पर छापा मारा था जब वह सेवारत जज थे।
मामले के जानकारों के मुताबिक न्यायमूर्ति शुक्ला के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट से स्वीकृति मांगी गई है ताकि जल्द ही चार्जशीट फाइल की जा सके। सीबीआइ के एक अधिकारी के मुताबिक विवेचना पूरी हो चुकी और अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।