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साध्वी देव्याग‌िर‌ि के साथ लखनऊ के मनकामेश्वर मंद‌िर में भक्तों ने यूं की भोर की आरती

सावन के तीसरे सोमवार लखनऊ में भोर से ही मंदिरों में शिवजी की आराधना शुरू हो गई। डालीगंज के मनकामेश्वर मंदिर में सुबह तीन बजे ही बाबा के श्रृंगार के बाद भक्तों के ल‌िए कपाट खोल द‌िए गए। मंद‌िर की एक और खास बात ये है क‌ि यहां की महंत मह‌िला हैं, ज‌िन्हें साध्वी देव्याग‌िर‌ि के नाम से जानते हैं। यहां भोर की आरती उन्हीं ने की। 

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साध्वी देव्याग‌िर‌ि के साथ लखनऊ के मनकामेश्वर मंद‌िर में भक्तों ने यूं की भोर की आरतीलखनऊ के इस मंद‌िर की काफी मान्यता है। आरती में ह‌िस्सा लेने के ल‌िए मंद‌िर के बाहर भोर से ही भक्तों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। 

सुबह आने वाले भक्तों को मुफ्त में गंगाजल भी बांटा गया। 

साध्वी देव्यागिर‌ि ने भोले बाबा की आरती की साथ ही भक्तों ने भी बोल बम के जयकारे लगयाए। 

फल, पुष्प, बिल्व पत्र, गंगाजल, शहद, घृत, दूध, मिष्ठान्न, भांग, धतूरा हाथों में लिए भक्तों की कतारें सुबह से ही मंदिर में उमड़ीं। 

माना जाता है क‌ि लखनऊ के इस मंदिर में जो भी मुराद मांगी जाती है, भोलेबाबा उसे पूरा करते हैं इसल‌िए इसका नाम मनकामेश्वर पड़ा।  

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डालीगंज में गोमती के किनारे बना ये मंदिर लखनऊ के सबसे प्राचीन और चर्चित शिवालयों में से है।  

बताते हैं कि  बाबा मनकामेश्वर पहली बार त्रेतायुग में तब सामने आए जब लक्ष्मणजी माता सीता को वन छोड़कर लौट रहे थे।

 सावन के हर सोमवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है। 

मंदिर में काले रंग का शिवलिंग है जिस पर चांदी का छत्र है। मंदिर के पूरे फर्श में चांदी के सिक्के लगे होने से यह और भी आकर्षक लगता है। 

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