नई दिल्ली: पूर्व सैनिक अधिकारियों के संगठन अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा में हुई सुरक्षा चूक को बेहद गंभीर बताया है। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने मामले की गहनता से जांच की मांग करते हुए राज्य सरकार और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया है। साथ ही कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इनका कहना है कि जिस तरह का घटनाक्रम हुआ वह राज्य सरकार की क्षमता पर भी सवाल खड़ा करता है। पूर्व सैन्य अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री राष्ट्र के प्रति सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के स्मारक स्थल पर जा रहे थे, लेकिन सुरक्षा में चूक की वजह से उन्हें 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहना पड़ा। इसकी वजह से उनका कार्यक्रम रद्द हो गया।
पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि एसपीजी एक्ट के मुताबिक अगर प्रधानमंत्री को हवाई मार्ग से जाना था तो भी आकस्मिक सड़क मार्ग की तैयारी रखी जानी चाहिए थी। लेकिन रूट का क्लियरेंस दिए जाने के बाद सुरक्षा का इंतजाम नही किया गया। पूर्व अधिकारियों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये घटना इस खुफिया इनपुट के बावजूद भी हुई कि प्रो खालिस्तानी समूह उनके कार्यक्रम में व्यवधान कर सकते हैं। यह साजिश की ओर भी इशारा करता है इसलिए पूरे घटनाक्रम की गहनता से जांच जरूरी है। पत्र पर 45 पूर्व अधिकारियों ने दस्तखत किए हैं।
बता दें कि पांच जनवरी को पीएम मोदी पंजाब के बठिंडा पहुंचे थे। यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो पीएम ने सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया। इस रास्ते से 2 घंटे का समय लगना था। राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी पहले पीएम मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा था। इसके चलते पीएम मोदी के काफिले को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा। मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार को एक चार सदस्यों वाली स्वतंत्र कमेटी गठित की है।