झारखण्डराज्य

झारखंड में संकट में हैं गजराज, एक महीने में करंट से आठ हाथियों की मौत

रांची : झारखंड में गजराज संकट में हैं। अब गिरिडीह जिले के गांडेय थाना क्षेत्र में करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई है। एक महीने के भीतर करंट लगने से राज्य में अब तक आठ हाथियों की जान चली गई है।

बताया गया कि बुधवार देर रात गांडेय प्रखंड की फुलची पंचायत स्थित नीमा टांड गांव से होकर हाथियों का एक झुंड गुजर रहा था, तो उनमें से एक हाथी 11 हजार वोल्ट के विद्युत तार की चपेट में आ गया। घटना के बारे में वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दे दी गई है।

हाथियों के इसी झुंड ने तीन दिन पहले अहिल्यापुर थाना क्षेत्र में एक 55 वर्षीय व्यक्ति और उसकी पोती को कुचलकर मार डाला था। इसके पहले 20 नवंबर को पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी वन क्षेत्र के ऊपरबांधा जंगल के पास करंट लगने से पांच हाथियों ने एक साथ दम तोड़ दिया था। इन हाथियों की मौत की जानकारी वन विभाग को अगले रोज तब हुई, जब कुछ ग्रामीण सूखी लकडियां और पत्ते लाने के लिए जंगल में गये।

नवंबर के पहले हफ्ते में पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र के मचाड़ी गांव और चाकुलिया वन क्षेत्र स्थित बडामारा पंचायत के ज्वालभांगा में दो अलग-अलग घटनाओं में करंट से दो हाथियों की मौत हुई थी। करंट से हाथियों की मौत की घटनाओं पर वन विभाग एवं बिजली विभाग एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं।

वन विभाग का कहना है कि हाथियों के कॉरिडोर वाले इलाके में बिजली के तार बेहद कम ऊंचाई से गुजरे हैं और इस वजह से अक्सर हादसे हो रहे हैं। इस संबंध में बिजली विभाग को कई बार पत्र लिखे गए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

दूसरी तरफ, ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग ने हाथियों के कॉरिडोर वाले इलाके में ट्रेंच की खुदाई कर मिट्टी के ऊंचे टीले बना दिए हैं। इन टीलों से होकर गुजरने के दौरान हाथी बिजली तार के संपर्क में आ जाते हैं।

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