2015 में कमलेश तिवारी का दिया गया विवादित बयान बना उनकी हत्या की वजह, यूपी के ही रहने वाले हैं हत्यारे
राजधानी में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या की साजिश गुजरात में रची गई थी। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से यूपी पुलिस और गुजरात एटीएस ने गुजरात के सूरत से तीन लोगों को गिरफ्तार कर इसका खुलासा किया है। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। डीजीपी ने बताया कि इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता रशीद पठान, कमलेश के कत्ल को वाजिब बताने वाला मौलाना मोहसिन शेख और 16 अक्तूबर को मिठाई खरीदने वाले फैजान युनुस को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हत्या करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार करने के लिए अलग अलग टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि कमलेश की हत्या 2015 पैेगंबर साहब को लेकर दिए गए विवादित बयान की वजह से की गई है। इस घटना को अंजाम देने का प्लान रशीद पठान ने बनाया।
इसके लिए मोहसिन ने 2015 में कमलेश द्वारा दिए गए विवादित बयान को दिखा कर प्रेरित किया। फैजान ने वह मिठाई खरीदी थी, जिसे लेकर हत्यारे लखनऊ आए थे। पुलिस इस मामले में और छानबीन कर रही है।
वहीं कमलेश तिवारी के कातिलों के साथ दिखी महिला से पूछताछ के बाद डीजीपी ओपी सिंह बोले कि मामले की हर पहलू से बरीकी से जांच की जा रही है। इस मामले में हमने एसआईटी प्रमुख और महिला दोनों से बातचीत की है।
आगे की रणनीति बनाने के लिए हमने गुजरात और महाराष्ट्र एटीएस से संपर्क किया है साथ ही सोशल मीडिया पर भी हमारी नजर है। भ्रम फैलाने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
मिठाई के डिब्बे और एक फोन काल ने खोल दिए सारे राज
डीजीपी के मुताबिक घटना स्थल से मिले मिठाई के डिब्बे और डिब्बे में मिली रसीद ने इस खुलासे में अहम भूमिका निभाई। रसीद पर तारीख और समय पड़ा था। इतना ही नहीं जिस नंबर से आखिरी बार अभियुक्तों ने कमलेश तिवारी से बात की थी, उसी नंबर से गुजरात के कई नंबरों पर बात की गई। जिससे पुलिस को इस हत्याकांड का सिरा तलाशने में आसानी हुई। डीजीपी ने बताया कि उन्होंने खुद गुजरात के डीजीपी से बात कर मदद मांगी।
गुजरात एटीएस सीधे मिठाई की दुकान पर पहुंची और वहां का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो उसमें एक युवक मिठाई लेता हुआ दिखाई दे रहा है। एटीएस ने उसकी शिनाख्त फैजान के रूप में की। देर रात एटीएस ने फैजान को गिरफ्तार किया और फिर मोहसिन और राशिद को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में दो अन्य लोगों गौरव तिवारी और मोहसिन के भाई को भी हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि गौरव तिवारी मूल रूप से यूपी का ही रहने वाला है।
उसने कमलेश तिवारी को फोन कर उसके संगठन से जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी। डीजीपी ने बताया कि उक्त दोनों व्यक्तियों को छोड़ भले ही दिया गया हो, लेकिन उन पर पूरी नजर रखी जा रही है। पकड़े गए तीन युवकों का भी कोई आपराधिक इतिहास अब तक नहीं पता चला है।
नामजद मौलाना भी पुलिस हिरासत में
डीजीपी ने बताया कि कमलेश की पत्नी की ओर से दी गई तहरीर में नामजद मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती मोईन कासिमी को भी हिरासत में लिया गया है। इस मामले में लखनऊ पुलिस, यूपी एटीएस, यूपी एसटीएफ, बिजनौर पुलिस और गुजरात पुलिस व एटीएस द्वारा छानबीन की जा रही है।
किसी संगठन के हाथ होने की पुष्टि नहीं
उन्होंने इस घटना में किसी भी आतंकी साजिश से साफ इंकार किया और कहा कि इस ग्रुप का गुजरात में 2017 में पकड़े गए ग्रुप से भी कोई संबंध नहीं है। डीजीपी ने कहा कि गुजरात में गिरफ्तार किए गए आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाकर पूछताछ की जाएगी।
फिलहाल एसपी क्राइम दिनेश पुरी को अहमदाबाद भेजा गया है। डीजीपी ने दावा किया कि इस घटना का 24 घंटे से भी कम समय में खुलासा कर दिया गया है। जल्द ही हत्या करने वाले मुख्य अभियुक्त भी गिरफ्तार किए जाएंगे।
एसटीएफ ने भी कई लोगों को लिया हिरासत में
वहीं दूसरी ओर मुख्य अभियुक्तों की तलाश में पूरी रात यूपी पुलिस, एसटीएफ और एटीएस की टीमें हलकान रहीं। शुरुआत में उक्त अभियुक्तों की लोकेशन हरदोई मिली, लेकिन हरदोई के बाद उनकी लोकेशन का कोई पता नहीं लग सका।
वहीं दूसरी ओर एसटीएफ की एक टीम ने कानपुर से कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें भी छोड़ दिया था। हालांकि यह संदिग्ध पुलिस की जांच की अहम कड़ी बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि हत्या करने वाले दोनों अभियुक्तों ने इन युवकों से संपर्क किया था।
साजिश में शामिल पकड़े गए अभियुक्त
मौलाना मोहसिन शेख सलीम उम्र 24 वर्ष- सूरत में साड़ी की दुकान में काम करता है।
फैजान उम्र 21 वर्ष- सूरत के जिलानी अपार्टमेंट में रहता है, जूते की दुकान में काम करता है।
रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान उम्र 23 वर्ष- कम्प्यूटर का अच्छा जानकार और दर्जी का काम करता है।
यूपी के ही रहने वाले हैं युवक
डीजीपी ने बताया कि हत्या करने वाले जिन युवकों के नाम सामने आए हैं वह गुजरात के सूरत में रहकर अलग-अलग काम करते हैं। मूल रूप से यह यूपी के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं। उन्होंने नाम बताने से इंकार करते हुए कहा कि इससे हमारी विवेचना पर असर पड़ सकता है। वहीं सूत्रों का कहना है कि गुजरात में गिरफ्तार किया गया रशीद पठान दुबई में रह चुका है। हालांकि इस हत्याकांड में किसी तरह की फंडिंग की गई है या नहीं, इसकी तस्दीक अभी तक नहीं हो पाई है।
कमलेश को मुहैया कराई गई थी सुरक्षा
एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि कमलेश को गनर दिए जाने के साथ-साथ स्थानीय थाने से पुलिस की भी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। घटना के समय भी पुलिस मौके पर मौजूद थी। कमलेश के कहने पर ही इन युवकों को उनके पास तक जाने दिया गया था।