श्रीलंका में हालात और हुए ख़राब, अब तो पेट्रोल का भी पड़ा टोटा, नए PM रानिल विक्रमसिंघे का बढ़ा टेंशन
नई दिल्ली. जहाँ एक तरफ श्रीलंका (Srilanka) के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Vikramsinghe) ने बीते सोमवार को पहली बार राष्ट्र के नाम संबोधन में देश में उभरी समस्याओं पर बात की। इसके साथ ही राजपक्षे परिवार पर निशाना साधते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि उनका लक्ष्य किसी परिवार या समूह को बचाना नहीं, बल्कि संकट में पड़े देश को भी नए सिरे से संभालना है।
गौरतलब है कि हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने विपक्ष के दबाव के चलते अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि, उन्होंने अपना पद नहीं छोड़ा और देश के 26वें प्रधानमंत्री के तौर पर रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किया गया था।
श्रीलंका की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के नेता विक्रमसिंघे ने कहा, ” फिलहाल हमारे पास बस एक दिन के लिए पेट्रोल का भंडार है।” उन्होंने कहा कि भारतीय ऋण सुविधा के कारण डीजल की कमी से जल्द ही निपट लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, “कल पहुंचे डीजल के खेप के कारण डीजल की कमी कुछ हद तक हल हेा गयी है। भारतीय ऋण सुविधा से डीजल के दो और खेप 18 मई और एक जून तक पहुंचने वाले हैं। इसके आलवा, पेट्रोल के दो खेपों के 18 एवं 29 मई को आने की संभावना है। “
साथ ही उन्होंने कहा कि, देश में फिलहाल पेट्रोल की जबरदस्त किल्लत है और अब पेट्रोल, कच्चे तेल और तेल के शिपमेंट के खर्च को चुकाने के लिए खुले बाजारों से अमेरिकी डॉलरों को जुटाया जाएगा। साथ ही उन्होंने श्रीलंका के संकट पर कहा कि इसे खत्म करने के लिए 2022 के विकास बजट की जगह राहत बजट लाया जाएगा। वहीं विक्रमसिंघे ने कहा कि वे श्रीलंका की सरकारी एयरलाइन कंपनी- श्रीलंकन एयरलाइंस के निजीकरण का प्रस्ताव रखेंगे, क्योंकि इससे सरकार को काफी नुकसान हो रहा है।
बता दें कि श्रीलंका 1948 में मिली आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी से ईंधन,रसोई गैस एवं अन्य जरूरी चीजों के लिए लंबी लंबी कतारें लग गयी हैं तथा भारी बिजली कटौती एवं खाने-पीने के बढ़ते दामों ने लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ा दी हैं।