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मनरेगा घोटाला: केंद्र ने की खिंचाई तो एक्शन में आई ममता सरकार, 50 लाख से ज्यादा वसूले

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) में कथित भ्रष्टाचार के लिए केंद्र द्वारा खिंचाई किए जाने के बाद, गलत तरीके से बांटी गई मजदूरी के लगभग 52.3 लाख रुपये की वसूली की है। यह प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की रिपोर्ट के मद्देनजर आया है, जिसमें बहुमंजिला घरों वाले कुछ लोगों की योजना के तहत घर के आवेदन स्वीकृत किए गए थे। राज्य पंचायत चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, दो महत्वपूर्ण केंद्रीय योजनाओं – पीएमएवाई और मनरेगा में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर टीएमसी और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं।

राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार को सामाजिक लेखापरीक्षा इकाइयों से कथित कदाचार की 3,358 से अधिक शिकायतें मिली थीं, जिनमें लगभग 250 लाख रुपये के धन की हेराफेरी का आरोप लगाया गया था। अधिकारी ने आगे कहा, “केंद्र द्वारा तैनात टीमों ने 2019 और 2021 में अपने दौरे के दौरान कई अनियमितताएं पाईं, जिसके बाद राज्य को गबन की गई धनराशि की वसूली करने और कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया।”

जब राज्य एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) जमा करने में विफल रहा तो केंद्रीय फंड को फ्रीज कर दिया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की धारा 27 के तहत केंद्र के पास योजना के प्रशासन में भ्रष्टाचार के आरोप होने पर धन को फ्रीज करने की शक्ति है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”फंड फ्रीज होने के बाद ही राज्य ने कार्रवाई शुरू की। जबकि लगभग 52.36 लाख रुपये बरामद किए गए हैं, एक दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें से चार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ थीं। 119 कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही, कारण बताओ नोटिस, साक्ष्य संग्रह और आरोप पत्र तैयार करने का काम किया गया था।”

जिन शीर्ष तीन जिलों से पैसों की वसूली की गई है, वे दक्षिण दिनाजपुर (19.12 लाख रुपये), उत्तर 24 परगना (10.58 लाख रुपये) और पूर्वी मिदनापुर (9.71 लाख रुपये) हैं। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और सत्तारूढ़ टीएमसी के अन्य वरिष्ठ नेता केंद्र पर एक साल से अधिक समय से मनरेगा के तहत पैसे जारी नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। बदले में भाजपा ने राज्य पर केंद्रीय योजना के तहत धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया।

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