प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर की राज्य स्तरीय हैंडबाल टीम हिमगिरी एक्सप्रेस ट्रेन से पटना जा रही थी। टीम में जम्मू कश्मीर के जिला किश्तवार के गांव पाडर निवासी हुकुम सिंह की 16 वर्षीय पुत्री लीलादेवी थी। ट्रेन में लीला वीडियो फिल्म बना रही थी। इस दौरान नगीना क्षेत्र में गांव मठेरी के रेलवे फाटक के पास अचानक लीला का मोबाइल हाथ से छूटकर ट्रेन से नीचे जा गिरा।
मोबाइल गिरते ही लीला हड़बड़ा हुई और मोबाइल लेने के लिए चलती ट्रेन से कूद गई। साथी खिलाड़ी व कोच ने चेन पुलिंग कर शोर मचा दिया। ट्रेन से कूदने पर कच्चे में गिरने के कारण लीला की जान तो बच गई, लेकिन चोट गंभीर आई है। ट्रेन के रुकने पर कोच जगदीश कुमार शर्मा ने अन्य खिलाड़ी की मदद से ट्रेन में बैठाया और उसे नगीना ले गए।
नगीना सीएचसी से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां उसका उपचार चल रहा है। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डा. सुमित राठी ने बताया कि लीला के सिर में चोट आई है और बाएं हाथ में फ्रैक्चर है, लेकिनवह खतरे से बाहर है। नगीना जीआरपी इंचार्ज प्रदीप कुमार ने बताया कि इस मामले में अभी किसी ने कोई तहरीर नहीं दी है और मोबाइल मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
कोच जगदीश कुमार शर्मा का कहना है कि उनकी प्राथमिकता नेशनल प्रतियोगिता में अपनी टीम को प्रतिभाग कराना नहीं है। घायल हुई खिलाड़ी उनकी बेटी जैसी है, वह उसके ठीक होने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। वह अपनी जिम्मेदारी पर खिलाड़ियों को अपने साथ लेकर आए थे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर से एक महिला कोच को भी टीम के साथ जाने के लिए नामित किया गया था, लेकिन महिला कोच ने टीम के साथ आने से मना कर दिया और वह नहीं आई।
ट्रेन से मोबाइल गिरने के बाद उसने बिना सोचे समझे छलांग लगा दी। जिला अस्पताल पहुंचने पर गंभीर अवस्था में उसने चोट की परवाह किए बिना मोबाइल के बारे में पूछा। उन्होंने लीला को दूसरा मोबाइल दे दिया, लेकिन घायल लीला ने उसे अपना मोबाइल होने से मना करते हुए उसका मोबाइल लाकर देने की बात कही। परिजनों को सूचना दे दी गई है।
घायल खिलाड़ी लीला देवी जिला अस्पताल में भर्ती है। अन्य सभी दस खिलाड़ी व कोच उनके साथ ही जिला अस्पताल में हैं। कोच जगदीश कुमार ने बताया कि परिजनों को सूचना दे दी गई है और वह बिजनौर के लिए चल पड़े हैं। इमरजेंसी में तैनात फार्मेसिस्ट नरेश कुमार रूडोला ने बताया कि घायल खिलाड़ी के साथी जिला अस्पताल में रहेंगे। अस्पताल में बने रैन बसेरा में उनके रहने की व्यवस्था की जा रही है।